घायलों के साथ करिए परोपकार, मिलेगा दो हजार का पुरस्कार

-सीएमओ की रिपोर्ट पर परिवहन मंत्रालय सीधे खातों में भेजेगा प्रोत्साहन धनराशि

By JagranEdited By: Publish:Mon, 30 Nov 2020 10:08 PM (IST) Updated:Mon, 30 Nov 2020 10:08 PM (IST)
घायलों के साथ करिए परोपकार, मिलेगा दो हजार का पुरस्कार
घायलों के साथ करिए परोपकार, मिलेगा दो हजार का पुरस्कार

प्रदीप तिवारी, बहराइच : कोर्ट-कचेहरी की झंझट मददगारों के लिए परेशानी नहीं बनेंगी, बल्कि घायलों को त्वरित चिकित्सकीय सेवाएं मुहैया कराने के एवज में परिवहन विभाग उन्हें दो हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि मुहैया कराएगा। यह फैसला कानूनी दांव-पेच के चलते सड़क पर पड़े घायलों को त्वरित मदद न मिलने से हो रही मौतों को देखते हुए लिया गया है।

केंद्रीय परिवहन मंत्रालय के सर्वे के मुताबिक हादसों में 30 फीसद ऐसे घायल होते हैं, जिनको समय पर इलाज मिल जाए तो जान बचाई जा सकती है। ऐसा नहीं है कि लोग सड़क पर पड़े घायलों की मदद नहीं करना चाहते, बल्कि पुलिस की पूछताछ व कानूनी प्रक्रिया के चलते चाहकर भी मदद से कदम खींच लेते हैं। इन झंझटों को रोड सेफ्टी प्लान से हटाया गया है। अब हादसों में घायलों की मदद करने वालों का पूरा ब्योरा सरकारी व निजी अस्पतालों में दर्ज किया जाएगा।

सीएमओ हर माह मददगारों की ऑडिट रिपोर्ट तैयार कर परिवहन विभाग को सौपेंगे। रिपोर्ट के आधार पर विभाग 2000 रुपये का पुरस्कार मददगारों के खातों में भुगतान करेगी। इन मददगारों को सभ्य नागरिक के खिताब से भी विभूषित किया जाएगा।

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नवंबर से लागू हुई नई व्यवस्था

-यह व्यवस्था यातायात माह के साथ लागू की गई है। सभी अस्पतालों में रजिस्टर रखने के निर्देश दिए गए हैं। रजिस्टर में मदद करने वाले का नाम, पिता का नाम, पता व मोबाइल नंबर अंकित किया जाएगा, ताकि चयन होने पर बैंक खाते के लिए उनसे संपर्क किया जा सके।

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इसे भी जानें

- घायलों में 15 से 20 फीसदी की मौके पर होती है मौत

-दुर्घटना में 30 फीसद घायलों को मदद नहीं मिल पाती

- 15 फीसद लोगों को समय पर मिल रहा इलाज

- 30 फीसद होते हैं मामूली जख्मी

- पांच फीसदी होते हैं दिव्यांग

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-अब मदद करने पर पुलिस की पूछताछ नहीं होगी। बल्कि प्रोत्साहन दिया जाएगा। यह व्यवस्था लागू हो गई है।

-वीरेंद्र कुमार सिंह, एआरटीओ प्रशासन

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