..आइए, शीष उनको झुकाने चलें

बहराइच : बहराइच जिला मुख्यालय से महज 17 किलोमीटर दूर स्थित है रमपुरवा गांव। इस गांव का नाम जैसे ही क

By Edited By: Publish:Thu, 29 Jan 2015 11:59 PM (IST) Updated:Thu, 29 Jan 2015 11:59 PM (IST)
..आइए, शीष उनको झुकाने चलें

बहराइच : बहराइच जिला मुख्यालय से महज 17 किलोमीटर दूर स्थित है रमपुरवा गांव। इस गांव का नाम जैसे ही कानों में गूंजता है, ताजा हो जाती हैं स्वतंत्रता आंदोलन की यादें। ..और जेहन में उभरता है सेनानियों के गांव का अक्स। हो भी क्यों न, आखिर इस गांव ने आजादी के 14 मतवालों को पैदा किया है। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी व पं. जवाहरलाल नेहरू ने कभी इसी धरती से आजादी के आंदोलन का शंखनाद किया था। अब भी दिवंगत सेनानियों के वंशज आंदोलन की समृतियों को संजोए खुद पर गर्व करते हैं। यहां स्मारक स्वरूप गांधी चबूतरा बनवाया गया है और पं नेहरू क प्रतिमा भी स्थापित की गई है। इस गांव के लिए राजमूर्ति ¨सह 'सौरभ प्रतापगढ़ी' की यह रचना 'फूल श्रद्धा के के उनको चढ़ाने चलें, कब्र पर दीप उनकी जलाने चलें। देशहित जो सदा के लिए सो गए, आइए शीष उनको झुकाने चलें'।

स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान 1931 में जब पं. जवाहरलाल नेहरू यहां आए तो पूरा गांव व आसपास का इलाका उनके साथ उठ खड़ा हुआ विद्रोह का मशाल जलाने को। सेनानी बल्देव प्रसाद मिश्र के वंशज मनऊ मिश्र बताते हैं कि नेहरूजी की अगुवाई में यहां से 32 किलोमीटर दूर नानपारा सियासत तक जुलूस निकाल वहां के तत्कालीन राजा सहादत अली को काला झंडा दिखाया। राजा ने लाठियां बरसाईं। लोगों को जेल भेजवाया पर उनके दमन चक्र से लोग न डरे और न डिगे। बाद में महात्मा गांधी, सरदार बल्लभभाई पटेल, आचार्य विनोवा भावे ने इस गांव में आजादी की अलख जगाई। भारत छोड़ो आंदोलन भी यहां परे उरोज पर रहा। यही कारण रहा कि इस गांव के 14 लोगों के नाम स्वतंत्रता आंदोलन के स्वर्णाक्षरों में दर्ज है। ये हैं स्व. श्याम मनोहर अवस्थी, अवधेशदत्त अवस्थी, रामभरोसे मिश्र, सोहनलाल मिश्र, रामविलास शर्मा, श्याम विहारी, मथुराप्रसाद, रामअचल, बल्देव प्रसाद मिश्र, सूर्यलाल गुप्त, जगदेव प्रसाद, शिवदुलारे मिश्र, मुरलीशरण, श्याम मनोहर। आजादी के बाद मुख्यमंत्री रहे पं. गो¨वद बल्लभ पंत ने भी रमपुरवा से यादें जोड़ीं। शिवदुलारे मिश्र को ताम्रपत्र मिला। सांसद अशोक चावला के सहयोग से यहां गांधी चबूतरा का निर्माण कराकर 1970 में पं. नेहरू की प्रतिमा स्थापित की गई, जो यहां लोगों के लिए तीर्थ बना हुआ है।

समारोह पूर्वक आज होगा सेनानी वंशजों का सम्मान

राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के दक्षिण अफ्रीका से भारत वापसी के सौ वर्ष पूरे होने पर सेनानियों की नारियों एवं उनके वंशजों का सम्मान 30 अक्टूबर को इसी गांव में किया जाएगा। इस मौके पर आजादी के आंदोलन में हिस्सा लेने वाले 14 स्वतंत्रता सेनानियों को याद तो किया ही जाएगा, साथ ही महात्मा गांधी के बलिदान की याद ताजा की जाएगी। कार्यक्रम का आयोजन कांग्रेस नेता देवेश मिश्र 'मजनू' जिला उपाध्यक्ष फिरदौस आलम व जिला संगठन मंत्री मनऊ मिश्र कर रहे हैं। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पूर्व जिलाधिकारी एवं बुजुर्ग कांग्रेसी डॉ. ओमप्रकाश होंगे, जबकि विशिष्ट अतिथि प्रदेश सचिव भगतराम मिश्र होंगे। अध्यक्षता जिलाध्यक्ष चंद्रशेखर ¨सह 'आजाद' करेंगे।

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