तेंदुए के डर से खुले में शौच मुक्त हुआ पलड़ी

जागरण संवाददाता, बागपत : अफसरान खुले में शौच की जिस बुराई को लाखों खर्च करके नहीं मिटा

By JagranEdited By: Publish:Fri, 08 Feb 2019 08:18 PM (IST) Updated:Fri, 08 Feb 2019 08:18 PM (IST)
तेंदुए के डर से खुले में शौच मुक्त हुआ पलड़ी
तेंदुए के डर से खुले में शौच मुक्त हुआ पलड़ी

जागरण संवाददाता, बागपत : अफसरान खुले में शौच की जिस बुराई को लाखों खर्च करके नहीं मिटा पाए, वह बुराई तेंदुए के डर से कांपकर दम तोड़ गई। जी हां! यह कहानी जंगल के बीच बसे किसी गांव की नहीं बल्कि बागपत के सांसद आदर्श गांव पलड़ी की है। समझाने और खुशामद करने के बावजूद जो लोग खुले में शौच की आदत छोड़ने को तैयार नहीं थे, वे अब तेंदुए की आहट से शौचालय जाने लगे हैं। प्रधान का यह दावा सुन अफसरान हैरान हैं और खुश भी कि भले ही तेंदुए का डर सही पर स्वच्छ भारत मिशन अंजाम तक पहुंच गया।

सांसद डा. सत्यपाल ¨सह ने वर्ष 2014 में आदर्श गांव बनाने को पलड़ी को गोद ले विकास कराया। गांव में 586 परिवार हैं, लेकिन 40 फीसदी आबादी खुले में शौच जाती। पंचायत विभाग ने स्वच्छ भारत मिशन से 28.44 लाख खर्च कर 237 परिवारों में शौचाल बनवाए, लेकिन काफी लोग खुले में शौच से नहीं रुके। अफसरान, प्रधान तथा स्वच्छताग्रहियों के समझाने पर कुछ लोग तो मान गए, लेकिन कुछ लोग किसी सूरत में खुले में शौच जाने की आदत छोड़ने को तैयार नहीं थे।

वहीं अब तेंदुए की दहशत से गांव पूरी तरह खुले में शौच मुक्त हो चुका है। शुक्रवार को विकास भवन में समीक्षा के दौरान प्रधान कुसुमलता पति श्रीपाल ¨सह ने जिला पंचायत राज अधिकारी को बताया कि गांव में कोई व्यक्ति सुबह या शाम को लौटा लेकर शौच के लिए खेतों में नहीं जाता। छह महीने पहले पलड़ी गांव के जंगल में किसी ने तेंदुए घूमने की खबर गांव में लोगों को बताई। तेंदुए घूमने से जहां लोगों में दहशत हो गई वहीं लोगों ने खुले में शौच जाना ही बंद कर दिया। बता दें कि ककौर और हिसावदा में तेंदुए मारे जा चुके हैं। चंद रोज पहले बिनौली में तेंदुए जाल में फस चुका है। यानी तेंदुए जंगल में घूम रहे हैं।

अलग हटकर पलडी गांव

शत-प्रतिशत साक्षर पलड़ी गांव के 800 बा¨शदे सरकारी-गैर सरकारी नौकरी में हैं। 74 सोलर लाइटों से गांव रोशन होती है। इंटर कालेज व दो प्राथमिक स्कूल, बैंक, सहकारी समिति, स्वास्थ्य केंद्र आंगनबाड़ी केंद्र है।

एक नजर में पलड़ी

-586 परिवार हैं गांव में।

-कुल आबादी 3313 है।

-गांव में हैं 1729 पुरुष।

-महिला संख्या 1584 है।

-बीपीएल परिवार मात्र दो।

इन्होंने कहा..

तेंदुए के डर से खुले में शौच जाने वालों पर ब्रेक लगने की बात को सुनकर हम अचंभित रह गए। अब पलड़ी प्रधान कुसुमलता को कुरुक्षेत्र भेजेंगे, जहां 12 फरवरी को पीएम मोदी का भाषण सुनेंगी।

-आलोक शर्मा, जिला पंचायत राज अधिकारी।

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