कुंभ में चमकेगा बागपत का हुनर

बागपत: अब पुण्य के साथ पैसा भी कमाइए।..बागपत के बा¨शदों के लिए यह कुंभ दोहरा लाभ लेकर आय

By JagranEdited By: Publish:Tue, 08 Jan 2019 11:22 PM (IST) Updated:Tue, 08 Jan 2019 11:22 PM (IST)
कुंभ में चमकेगा बागपत का हुनर
कुंभ में चमकेगा बागपत का हुनर

बागपत: अब पुण्य के साथ पैसा भी कमाइए।..बागपत के बा¨शदों के लिए यह कुंभ दोहरा लाभ लेकर आया है। यहां के दस्तकारों को कुंभ में अपना हुनर दिखाने का पूरा मौका मिलेगा। उनके उत्पादों की मुफ्त ब्रां¨डग होगी। बिक्री से आमदनी भी। संगम में डुबकी लगाने से पाप कम होगा। लगे हाथ खासी आमदनी भी होगी। इसका फायदा उन दस्तकारों को मिलेगा, जो स्वयं सहायता समूह गठित कर गरीबी उन्मूलन को मात देने में लगी हैं।

प्रयागराज में महाकुंभ का फायदा उठाने को ग्राम्य विकास विभाग ने प्लान बनाया है। बागपत के महिला स्वयं सहायता समूहों से जुड़े दस्तकारों के उत्पादों की बिक्री को कुंभ मेला में 10 स्टाल लगवाई जाएंगी। इसके लिए अफसरान ने हाथ से बनी माता की चुनरी, चश्मे के फ्रेम, साड़ी-¨बदी, मिट्टी की मूर्तियां, कुर्ता पायजामा, बेडशीट, चादर, पायदान, कुशन कवर, मोमबत्ती, धूप-अगरबत्ती, फूलों के सजावटी सामान और गुड़ बनाने वाले समूहों का चयन किया है। इनके स्टाल 14 फरवरी से चार मार्च तक कुंभ में लगेंगे। चयनित समूहों को राष्ट्रीय आजीविका मिशन के खर्च से महाकुंभ ले जाया जाएगा। दरअसल, सीएम योगी सरकार ने भी एक जिला एक उत्पाद योजना के तहत बागपत का चयन दस्तकारी को बढ़ावा देने के लिए किया हुआ है। यही कारण है कि ग्राम्य विकास विभाग ने बागपत के दस्तकारों के हुनर को राष्ट्रव्यापी पहचान दिलाने को कुंभ मेला चुना है, क्योंकि वहां देश के कोने-कोने से श्रद्धालु आते हैं। जाहिर है कि उक्त उत्पादों की बिक्री होने से दस्तकारों को आमदनी होगी।

अफसरान ने चयनित समूहों को पर्याप्त माल तैयार करने की सलाह दी ताकि ऐन वक्त पर माल की कमी आड़े न आए। अफसरान का ज्यादा फोकस हैंडलूम उत्पादों और गुड़ को कुंभ ले जाने पर है। वहीं ग्राम्य विकास आयुक्त नागेंद्र प्रताप ¨सह ने सीडीओ को बागपत के दस्तकारों की स्टाल लगवाने को सभी कागजी औपचारिकताएं समय से पूरी कराने का निर्देश दिया है। स्वत: रोजगार उपायुक्त हुब लाल ने कहा कि सरकार की मंशा है कि बागपत के दस्तकारों को

कुंभ मेला में अपना हुनर दिखाने और ब्रांडिग करने का अवसर मिले। गौरतलब है कि राष्ट्रीय आजीविका मिशन से महिला स्वयं सहायता समूहों को स्वरोजगार के लिए प्रति समूह सवा लाख रुपये अनुदान भी दिया जाता है। कई महिला समूह संचालिका बेहद उत्साहित हैं।

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