योगी की गोशालाओं में आम के आम और गुठलियों के दाम

जहीर हसन, बागपत : सीएम योगी बेसहारा गोवंश के संरक्षण को लेकर गंभीर हुये तो गरीबी भगा

By JagranEdited By: Publish:Sun, 06 Jan 2019 10:49 PM (IST) Updated:Sun, 06 Jan 2019 10:49 PM (IST)
योगी की गोशालाओं में आम के आम और गुठलियों के दाम
योगी की गोशालाओं में आम के आम और गुठलियों के दाम

जहीर हसन, बागपत :

सीएम योगी बेसहारा गोवंश के संरक्षण को लेकर गंभीर हुये तो गरीबी भगाने की नई राह भी बनी। अब गांवों में गो-आश्रय स्थल खुलेंगे। इससे बेसहारा पशुओं को ठिकाना मिलेगा, तो गोवंश का मूत्र और गोबर स्वरोजगार के दरवाजे खोलकर गरीबी को दूर भगाएगा। बायोगैस व कंपोस्ट ही नहीं बल्कि औषधियों का उत्पादन होने से जहां अच्छी कमाई होने लगेगी वहीं शून्य बजट आधारित खेती को बढ़ावा मिलने से किसान खुशहाल होंगे।

जिला प्रशासन बेसहारा पशुओं से आम-जन को मुक्ति दिलाने को गांव-गांव गो आश्रय स्थल खोलने की कवायद में जुटा है। गांव व कस्बों में चारगाह, बंजर भूमि या ¨सचाई, मत्स्य, उद्यान, कृषि, गन्ना आदि विभागों की भूमि को चिन्हित कर अस्थायी गोवंश आश्रय स्थल बनाए जाएंगे। गो आश्रय स्थलों में पशुओं की देखभाल तथा पौधारोपण और तालाबों का निर्माण करने को मजदूरों को काम मिलेगा। बड़ा फायदा यह होगा कि गो आश्रय स्थलों में ग्रामीण गोवंश के गोबर और मूत्र से बायोगैस, कंपोस्ट, वर्मी कंपोस्ट, पंचगव्य आधारित औषधियों का उत्पादन, साबुन, अगरबत्ती, मच्छर भगाने की क्वायल, गोमुत्र से बनी फिनाइल यानी गोनाइल तथा घर सजाने के लिए गमले बनाने सरीखे काम कर अपनी गरीबी मिटा सकेंगे। बागपत में 50 गो आश्रय स्थल खुलेंगे। बता दें कि उक्त उत्पादों की काफी मांग रहती है। साफ है कि सैकड़ों लोगों को रोजगार मिलेगा और वहीं पांच हजार बेसहारा पशुओं को सहारा मिलेगा। सीडीओ पीसी जायसवाल कहते हैं कि गो आश्रय स्थल खुलवाने का काम दस-पंद्रह दिन में पूरा करा लेंगे। बेसहारा पशुओं से किसानों को मुक्ति तथा लोगों को रोजगार मिलेगा।

.और शून्य बजट खेती

जीरो लागत खेती बेहद आसान है। तीस एकड़ जमीन की उर्वरा शक्ति बढ़ाने को एक देशी गाय का गोबर और गोमूत्र काफी है। गोमूत्र व गोबर से खाद तैयार करने पर कोई खर्च नहीं आएगा। फसल उत्पादन भरपूर होगी। धरती की उर्वरा शक्ति बढ़ेगी। किसानों का खेती लागत पर खर्च होने वाला पैसा बचेगा। गोवंश के गोबर और गोमूत्र से फसलों का उत्पादन होने पर लोगों की सेहत संवरेगी। बागपत के सवा लाख किसान शून्य बजट खेती का फायदा उठा सकते हैं।

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