'युवा दस्तक' से चहका लोकतंत्र का उत्सव

संवाद सहयोगी, बड़ौत : ग्राम प्रधान व सदस्य पद के चुनाव में जहां उम्मीदवारों के लिए मूंछों का सवाल रहा

By Edited By: Publish:Tue, 01 Dec 2015 06:29 PM (IST) Updated:Tue, 01 Dec 2015 06:29 PM (IST)
'युवा दस्तक' से चहका लोकतंत्र का उत्सव

संवाद सहयोगी, बड़ौत : ग्राम प्रधान व सदस्य पद के चुनाव में जहां उम्मीदवारों के लिए मूंछों का सवाल रहा वहीं नए वोटरों के लिए यह मतदान उत्सव सरीखा रहा। पहली बार मतदान करने को लेकर उनमें खासा उत्साह दिखाई दी।

बड़ौत ब्लाक के दूसरे चरण में 44 गांवों में मतदान मतदाताओं के जबरदस्त जोश का गवाह बना। गांव की सरकार बनाने को लेकर हर वर्ग और तबके में उल्लास दिखाई दिया। जौनमाना गांव के पूर्व माध्यमिक विद्यालय में पहली बार मतदान करने पहुंची आयुषी को पूरी मतदान प्रक्रिया का दिलचस्प लगी। उन्होंने बताया कि उम्मीदवारों का घर-घर पहुंचकर चुनाव प्रचार करना, गांव में विकास कराने का वायदा करना, हाथ जोड़कर बड़ों-छोटों का अभिवादन करना काफी दिलचस्प लगा। अब बैलेट पेपर पर अपने पसंदीदा उम्मीदवार के चुनाव निशाने के आगे मुहर लगाकर उन्हें मतपेटियों में डालना और मध्यमा अंगुली पर अमिट स्याही लगवाना काफी अच्छा लगा। कोताना गांव के पंचायत घर में वोट डालने पहुंची सुशीला ने बताया कि अभी तक टीवी और पोस्टरों आदि के माध्यम से ही अपने मताधिकार के प्रयोग के बारे में सुनते रहे हैं। आज जब यह मौका नसीब हुआ तो जाना कि लोकतंत्र में मेरा वजूद भी किसी से कमतर नहीं है। मतदान के माध्यम से एक योग्य उम्मीदवार को चुनकर अपने गांव को बेहतरी के सपने देखना काफी अच्छा लगता है। इब्राहिमपुर माजरा के प्राथमिक विद्यालय में मतदान करने पहुंचीं कविता ने बताया ने बताया कि उन्होंने बेहद सतर्कता और विवेक के आधार पर मतदान किया है। गांव की सरकार चुनने में उनके वोट की भी कीमत है और योग्य उम्मीदवार ही गांव को तरक्की और सछ्वाव के रास्ते पर ले जा सकता है। बताया कि उन्होंने किसी भी लालच में न आते हुए योग्य उम्मीदवार के पक्ष में ही मतदान किया है। कोताना गांव के पंचायत घर में पहली बार मतदान करने पहुंची रेशमा ने लंबी लाइन में लगकर अपने पसंदीदा उम्मीदवार के पक्ष में मतदान किया। रेशमा ने मतदान को बेहतर अनुभव बताया।

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