.. ये दीवारें बस इक पल में विरासत तोड़ देती हैं

डॉ. उर्मिलेश की 14वीं पुण्यतिथि पर काव्य संध्या का आयोजन किया गया।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 18 May 2019 11:19 PM (IST) Updated:Sat, 18 May 2019 11:19 PM (IST)
.. ये दीवारें बस इक पल में विरासत तोड़ देती हैं
.. ये दीवारें बस इक पल में विरासत तोड़ देती हैं

बदायूं : जिले के प्रख्यात गीतकार रहे डॉ.उर्मिलेश की 14वीं पुण्यतिथि पर बदायूं क्लब सभागार में जिले के नवांकुर कवियों के लिए कविता के नये स्वर काव्य संध्या का आयोजन हुआ। मुख्य अतिथि सीडीओ निशा अनंत ने मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्जवलित कर एवं डॉ.उर्मिलेश के चित्र पर पुष्प अर्पित कर शुभारंभ किया। विशिष्ट अतिथि के रुप में समाजसेवी रजनीश गुप्ता एवं श्यामजी शर्मा रहे। अध्यक्षता वरिष्ठ साहित्यकार डॉ.रामबहादुर व्यथित ने की। सरस्वती वंदना अजीत सुभाषित ने प्रस्तुत की।

आशीष शर्मा ने डॉ.उर्मिलेश को नमन करते हुए कहा कि कविता गुरु महान उर्मिलेश जी, कविता का हिन्दुस्तान उर्मिलेश जी। उज्जवल वशिष्ठ ने पढ़ा-बड़ी मुश्किल से बनती हैं दीवारें चार इक घर की, ये दीवारें बस इक पल में विरासत तोड़ देती हैं। विवेक चतुर्वेदी ने कहा- हवा को देख नहीं सकती हमारी आंखे, इसीलिए तो चिरागों पे नजर रखते हैं। बरेली की डॉ.कविता अरोरा ने पढ़ा-बूटे कविता के गजलों के बन उर्मिलेश का है ये चमन। डॉ.दीप्ती जोशी ने कहा- तुम झूठे हो, सांस ढले नैन चुराकर रीतें पग दौड़े जाते हो। बिसौली के प्रवीन नादान ने कहा कि मेरे सारे तीर्थ हो जायें जो चरणों का उसमें ध्यान करुं, मेरी कलम में इतनी शक्ति कहां, जो मां के गुणों का बखान करुं। आयुष शर्मा, शिखर देव, दातांगज के पुष्पराज यादव, डॉ.रविभूषण पाठक, सचिन शास्वत, सत्यदेव श्रीवास्तव, मंयक चौहान, अवजीत अवि, अभिषेक अनंत, डॉ.सोनरुपा विशाल, अंजलि शर्मा, फिरोज खां, हर्ष मिश्रा, दीपक मिश्रा, अंकिता सागर ने काव्यपाठ किया। संयोजक डॉ.अक्षत अशेष ने आभार जताया। डॉ.उर्मिलेश की कालजयी रचना गायेंगे गायेंगे वन्देमातरम के साथ समापन हुआ। अंजू शर्मा, सतीश चंद्र मिश्रा, गुरुचरण मिश्रा, उपेंद्र गुप्ता, रवींद्र मोहन सक्सेना, ज्वाला प्रसाद गुप्ता, अनूप रस्तोगी, डॉ. कमला माहेश्वरी, संचालन अभिषेक अनंत ने किया।

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