फैसल की मौत होने का आरोपितों को नहीं था आभास
फैसल हत्याकांड में आरोपितों को यह अंदेशा नहीं था कि मारपीट में उसकी जान चली जाएगी।
सहसवान : फैसल के हत्यारोपितों को शायद इसका अंदाजा नहीं था कि मारपीट के बाद उसकी मौत हो जाएगी। क्योंकि पिटाई के बाद आरोपितों ने ही उसके परिवार वालों को कॉल करके उसे ले जाने को कहा। यह भी कहा गया कि अगर दोबारा किशोरी के आसपास भी दिखा तो उसे जान से मार देंगे।
मृतक पक्ष के मुताबिक आरोपितों ने फोन करके फैसल के परिजनों को अपने घर बुलाया और सबक सिखाने की बात कहते हुए आइंदा आने पर जान से मारने की धमकी देकर उनके हवाले कर दिया। लोगों में यह भी चर्चा है कि आरोपितों ने किशोरी के साथ भी मारपीट की थी। नादान मुहब्बत का खौफनाक अंत
- 17 वर्षीय फैसल पिता की आर्थिक स्थिति कमजोर होने के चलते बाइक मैकेनिक का काम कर गृहस्थी चलाने में हाथ बंटा रहा था। इसी दौरान उसकी रिश्तेदारी में एक किशोरी से फोन पर बातचीत हुई और प्रेम प्रसंग शुरू हो गया। कच्ची उम्र में फैसल और किशोरी को इस बात का आभास भी नहीं रहा कि उनकी प्रेम कहानी का अंत इतना भयानक होगा। लोगों की मानें तो फैसल और किशोरी आपस में रिश्तेदार थे। इसलिए फैसल उसके घर भी आता जाता रहता था। जिसने भी सुना, दौड़ पडा अस्पताल की ओर
फैसल का गांव नगर से सटा हुआ है। इसलिए जिसने भी फैसल की मौत की खबर सुनी वह अस्पताल की ओर दौड पडा। कुछ ही देर में अस्पताल में सैकडों लोगों की भीड एकत्र हो गई। महिलाएं फैसल का शव देखकर हत्यारों को कोसती नजर आ रही थी। सलाखों के पीछे रो रहे आरोपित
किशोर की हत्या के बाद जब पुलिस ने आरोपित पिता पुत्र को गिरफ्तार कर हवालात में बंद कर दिया। तब उसे वारदात की गंभीरता का आभास हुआ और वह हवालात की सलाखें पकड़कर जोर जोर से रोने लगा। वर्जन
किसने किसको कॉल करके बुलाया, यह तफ्तीश में सामने आएगा। फिलहाल आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया गया है। उनसे पूछताछ के बाद जेल भेजा जाएगा।
कुशलवीर सिंह, कोतवाल सहसवान
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