छापेमारी तो बस त्योहारों तक सीमित

जिले के दियोहरी अमृत गांव में कथा के बाद हुई सामूहिक दावत में पूड़ियां खाने से सैकड़ों लोगों की तबीयत बिगड़ गई थी। प्रशासन ने प्राथमिक तौर पर भोजन बनाने में प्रयुक्त तेल को इसकी वजह माना है। इसके बाद खाद्य सुरक्षा विभाग की टीमों ने तेल के गोदामों तेल निर्माताओं के प्रतिष्ठानों पर छापामारी हुई लेकिन कार्रवाई के नाम पर कुछ नमूने ही जांच के लिए भेजे गए हैं।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 13 Feb 2020 01:13 AM (IST) Updated:Thu, 13 Feb 2020 06:09 AM (IST)
छापेमारी तो बस त्योहारों तक सीमित
छापेमारी तो बस त्योहारों तक सीमित

जागरण संवाददाता, बदायूं : जिले के दियोहरी अमृत गांव में कथा के बाद हुई सामूहिक दावत में पूड़ियां खाने से सैकड़ों लोगों की तबीयत बिगड़ गई थी। प्रशासन ने प्राथमिक तौर पर भोजन बनाने में प्रयुक्त तेल को इसकी वजह माना है। इसके बाद खाद्य सुरक्षा विभाग की टीमों ने तेल के गोदामों, तेल निर्माताओं के प्रतिष्ठानों पर छापामारी हुई, लेकिन कार्रवाई के नाम पर कुछ नमूने ही जांच के लिए भेजे गए हैं। वहीं, खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम त्योहारों पर ही सक्रियता दिखाती है, उसके बाद औपचारिकता ही निभाई जाती है। सरसो के तेल में पामऑयल की मिलावट की शिकायत मिलती रही है। शहरी क्षेत्र में तो ब्रांडेड तेल व खाद्य वस्तुओं का ही लोग उपयोग करते हैं, लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में अब भी परचूनी दुकानों पर सस्ती खाद्य वस्तुओं की बिक्री ज्यादा होती है। गुणवत्ता पर कोई ध्यान नहीं देता। सिस्टम भी उदासीन बना रहता है, जिसकी वजह से दियोहरी अमृत गांव जैसी घटनाएं हो जाती हैं। खाद्य पदार्थों में मिलावट और दूषित खाद्य वस्तुओं की बिक्री रोकने के लिए खाद्य सुरक्षा विभाग की टीमें छापामारी तो करती हैं, लेकिन इनकी सक्रियता त्योहारी सीजन में ही दिखाई पड़ती हैं। मिलावटखोरों के खिलाफ त्वरित कार्रवाई करने के लिए जिला स्तर पर एडीएम प्रशासन और एसीजेएम कोर्ट में मुकदमे चलाकर दंडात्मक कार्रवाई का प्रावधान है। कार्रवाई तो हो रही है, लेकिन छापामारी और नमूनों की जांच कराने में और तेजी लाने की जरूरत है।

अप्रैल 2019 से 12 फरवरी 2020 तक लिए नमूने

खाद्य सुरक्षा विभाग की टीमों ने अप्रैल 2019 से 12 फरवरी 2020 तक 1392 दुकानों का निरीक्षण कर 238 नमूने लिए। इनमें से 178 की जांच रिपोर्ट आ चुकी है। 102 नमूने फेल हुए हैं, जिनमें से 67 अधोमानक मिले हैं। 14 नमूनों में मिलावट की पुष्टि हुई है। 21 नमूनों के लेबल मानक के अनुरूप नहीं मिले हैं। इनके अलावा 106 दूधियों से नमूने लेकर जांच के लिए भेजे गए हैं, जिनमें से 49 की रिपोर्ट मिली है और 31 नमूने फेल हुए हैं। इनसेट ::

क्या हुई दंडात्मक कार्रवाई

खाद्य वस्तुओं के नमूने फेल होने पर अप्रैल 2029 से फरवरी 2020 तक एडीएम प्रशासन के कोर्ट में 109 मुकदमे दायर हुए। एडीएम कोर्ट से 101 मुकदमों का निस्तारण कर 62 लाख 14 हजार रुपये का जुर्माना लगाया। एसीजेएम कोर्ट में छह मुकदमे दायर हुए जिनमें से दो मुकदमों का निस्तारण कर एक-एक साल की सजा और एक-एक हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई गई।

वर्जन ::

खाद्य वस्तुओं में मिलावट रोकने के लिए नियमित छापामारी की जा रही है। जहां भी मिलावट की शिकायत मिलती है वहां टीम भेजकर नमूना भरवाकर जांच के लिए भेजा जा रहा है। प्रयोगशाला से नमूना की जांच रिपोर्ट आने पर मुकदमा दर्ज कराया जा रहा है।

- चंद्रशेखर मिश्र, अभिहीत अधिकारी

chat bot
आपका साथी