संस्कृति और संस्कारों की पोषक है मां गंगा

अखिल विश्व गायत्री परिवार शांतिकुंज हरिद्वार की ओर से मुहल्ला साहूकारा में संगोष्ठी का आयोजन किया गया।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 20 Nov 2018 12:17 AM (IST) Updated:Tue, 20 Nov 2018 12:17 AM (IST)
संस्कृति और संस्कारों की पोषक है मां गंगा
संस्कृति और संस्कारों की पोषक है मां गंगा

उझानी : अखिल विश्व गायत्री परिवार शांतिकुंज हरिद्वार की ओर से मुहल्ला साहूकारा स्थित गायत्री सत्संग भवन में निर्मल गंगा जन अभियान की संगोष्ठी हुई। गायत्री परिजनों ने लोगों को जागरूक करने के साथ मां भागीरथी की पावनता और गौरव गाथा को पुन: स्थापित करने का संकल्प लिया। विश्वामित्र अंचल में आदर्श गांव बनाने को गांव-गांव साइकिल यात्रा निकाली जाएगी। गांवों में गंगा सेवक और प्रज्ञा मंडल का गठन भी किया जाएगा।

शांतिकुज हरिद्वार से आए मुख्य वक्ता सदानंद अंबेडकर ने मां गायत्री के चित्र के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन कर संगोष्ठी का शुभारंभ कराया। कहा कि मानव में देवत्व जगाने और धरती पर स्वर्ग जैसा दिव्य वातारण बनाने के लिए निर्मल गंगा जन अभियान चलाया जा रहा है। भारत की जीवन रेखा मां गंगा आस्था, श्रद्धा और विश्वास के साथ भारतीय संस्कृति, सभ्यता और संस्कारों की पोषक, जीवनदायिनी है। मां गंगा का सामीप्य पाकर गांव, नगर और शहर तीर्थ बनें हैं। शांतिकुंज के जलपुरूष की उपाधि से विभूषित योगेंद्र गिरी ने कहा अपनी नीतियों और कार्यो ने मां गंगा को दूषित कर दिया है। भावी पीढ़ी के स्वस्थ जीवन के लिए पानी के स्त्रोतों को गंदा न करें। सार्थक प्रयास से ही गांव का पानी गांव में रहेगा।

शांतिकुंज के ही संजय त्यागी ने कहा कि विचार क्रांति से ही सत प्रवृत्तियों का संव‌र्द्धन और दुष्प्रवृत्तियों का उन्मूलन होगा। गांवों में गंगा सेवक मंडल और प्रज्ञा मंडल बनाकर गांवों को आदर्श तीर्थ बनाएं। विश्वामित्र अंचल प्रभारी अशोक ¨सह ने कहा कि कार्तिक पूर्णिमा पर शांतिकुंज के निर्मल गंगा जन अभियान के माध्यम से गंगा तटों की साफ सफाई की जाएगी। ऊर्जावान लोग संकल्प पत्र भरेंगे। नशा एवं व्यसन मुक्ति अभियान के जिला संयोजक रघुनाथ ¨सह के नेतृत्व में मेला ककोड़ा गंगा तट पर पर्यावरण संरक्षण, कुरीतियों, अंधविश्वास, नशा उन्मूलन आदि प्रदर्शनी लगाई जाएगी।

निर्मल गंगा जन अभियान के जिला संयोजक सुखपाल शर्मा ने सभी का आभार व्यक्त किया। इस मौके पर मुख्य प्रबंध ट्रस्टी बी ज्ञानेंद्र, रामभरोसे लाल, नत्थूलाल शर्मा, रघुनाथ ¨सह, रामकिशन नारद, रामवीर ¨सह, ममता शर्मा, गौरी मिश्रा, मदनलाल झा, प्रदीप शर्मा, भवेश शर्मा, जगदम्बा सहाय, ब्रजकिशोर, बुद्धपाल सिंह मौजूद रहे।

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