पठन-पाठन में रुचि नहीं लेते शिक्षक

समेकित शिक्षा की ओर से दिव्यांग बच्चों के लिए संचालित आवासीय एक्सीलेरेटेड लर्निग कैंप में अभिभावकों संग सीडीओ ने बैठक आयोजित की। इसमें छात्रा ममता के पिता ने सीडीओ निशा अनंत से विकास क्षेत्र म्याऊं के परिषदीय विद्यालय की अव्यवस्था की शिकायत की।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 16 Feb 2020 11:56 PM (IST) Updated:Sun, 16 Feb 2020 11:56 PM (IST)
पठन-पाठन में रुचि नहीं लेते शिक्षक
पठन-पाठन में रुचि नहीं लेते शिक्षक

जागरण संवाददाता, बदायूं : समेकित शिक्षा की ओर से दिव्यांग बच्चों के लिए संचालित आवासीय एक्सीलेरेटेड लर्निग कैंप में अभिभावकों संग सीडीओ ने बैठक आयोजित की। इसमें छात्रा ममता के पिता ने सीडीओ निशा अनंत से विकास क्षेत्र म्याऊं के परिषदीय विद्यालय की अव्यवस्था की शिकायत की। कहा, दिव्यांग बच्ची विद्यालय जाती है तो गांव के जलभराव की वजह से परेशानी होती है। विद्यालय स्टाफ पढ़ाई में ज्यादा रूचि नहीं लेता। कहता है कि पढ़ना है तो पढ़ो वर्ना भाग जाओ। जिस पर सीडीओ ने बीडीओ को फोन करके गांव का जलभराव दूर कराने के निर्देश दिए। अभिभावकों को दिव्यांगों की शिक्षा के संबंध में सुझाव दिए। उनकी समस्याओं को शासन तक पहुंचाने का आश्वासन दिया। डीसी जितेंद्र सिंह, राजेश मौर्य, ब्रजभूषण सिंह, रज्जन सिंह, राजेश सिंह, विमल दुबे, विपिन मिश्रा, इकबाल, गिरजाशंकर, रेखा, मिथलेश, मोहन आदि मौजूद रहे। दिव्यांगों को मिले आवासीय उच्च शिक्षा :

दिव्यांग बच्चों के लिए स्थाई विद्यालय खोले जाना चाहिए। एक कैंप में कुछ महीने दिव्यांग बच्चे को पढ़ाने के बाद आगे पढ़ाई में बहुत परेशानी का सामना करना पड़ता है।

- दफ्तर अली

अपनी दो बेटियों को पढ़ाना चाहते हैं लेकिन आय का साधन न होने की वजह से बेटियों को शिक्षित करने में दिक्कत है। विभाग की ओर से आवासीय विद्यालय बनाया जाए।

- कृष्णा देवी

पुरातन छात्र-छात्राओं को दोबारा कैंप में नामांकन कराने का मौका दिया जाना चाहिए। ²ष्टिबाधित बच्चों के लिए समय-समय आंखों का परीक्षण करके उपचार किया जाना चाहिए।

- रामदेवी दिव्यांग बच्चे अपनी प्राथमिक शिक्षा तो जैसे-तैसे ग्रहण कर लेते हैं लेकिन उच्च शिक्षा ग्रहण करने में परेशानी होती है। कोई सुविधा नहीं मिल पाती। जिसके चलते वह पढ़ाई छोड़ देते हैं।

- राजेश्वर

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