शिशु को स्तनपान करना अमृत जैसा

बदायूं : विश्व स्तनपान दिवस। यह सुनकर हैरानी होगी, लेकिन सच्चाई है कि दुनिया के करीब 165 देशों में व

By Edited By: Publish:Sat, 01 Aug 2015 11:52 PM (IST) Updated:Sat, 01 Aug 2015 11:52 PM (IST)
शिशु को स्तनपान करना अमृत जैसा

बदायूं : विश्व स्तनपान दिवस। यह सुनकर हैरानी होगी, लेकिन सच्चाई है कि दुनिया के करीब 165 देशों में वर्ष 1992 से विश्व स्तनपान दिवस सप्ताह मनाया जाता है। विशेष सप्ताह का उद्देश्य है कि महिलाओं को जागरूक किया जाए कि मां का दूध शिशु के लिए सर्वोत्तम आहार है तो स्तनपान मां के लिए भी जरूरी है। हालांकि भागदौड़ भरी ¨जदगी में कामकाजी महिलाओं की संख्या बढ़ने से स्तनपान में गिरावट आई है, शिशुओं को ऊपरी दूध पिलाया जा रहा है जो बच्चों के लिए कभी-कभी घातक होता है, इसका अंदाजा बढ़ रहे कुपोषित बच्चों की संख्या से लगाया जा सकता है।

जन्म से छह माह तक मां का दूध शिशु को इसलिए जरूरी है कि उसके कुपोषण से बचाया जा सके। बाल रोग विशेषज्ञों का मानना है कि जन्म के एक घंटे के भीतर अगर शिशु को स्तनपान कराया जाए तो कुपोषण का शिकार हो रहे शिशुओं को बेमौत मरने से उन्हें आसानी से बचाया जा सकता है। बच्चे को पहली बार दिया गया दूध किसी संजीवनी से कम नहीं होता। जन्म के बाद मां का दूध बहुत ही जरूरी होता है। पिछले वर्षों में कामकाजी माताओं की संख्या बढ़ने के साथ ही स्तनपान को नजर अंदाज किया जाने लगा जो बच्चों के भविष्य के लिए खतरनाक साबित हो सकता है। मानसिक और शारीरिक रूप से भी ऊपर का दूध शिशुओं को कमजोर बनाता है। मां के दूध से ज्यादा सर्वोत्तम आहार दुनिया में कोई और नहीं है।

गाय से भी ज्यादा ताकत देता है मां का दूध

कई मामलों में देखा जाता है कि शिशु के जन्म के दौरान उसकी मां किसी वजह से दुनिया से चल बसती है तो विकल्प के रूप में मातारूपी गाय का दूध सर्वोत्तम आहार के रूप में बच्चे को दिया जाता है। ग्रामीण अंचलों में मान्यता है कि बकरी और गाय का दूध बच्चे के लिए सर्वोत्तम आहार है, लेकिन वैज्ञानिक ²ष्टिकोण से इन दोनों दुधारू पशुओं का दूध मां के दूध के बराबर ताकत नहीं दे सकता। डॉक्टर भी छह माह से पहले गाय का दूध देने से मना करते हैं।

'जन्म से लेकर छह महीने तक बच्चे को सिर्फ मां का दूध ही पिलाएं। मां का दूध बच्चे को अंदर से स्ट्रांग बनाता है, इससे बच्चों में होने वाली कुपोषण जैसी बीमारियां नहीं होतीं। शिशुओं के मानसिक और शारीरिक विकास को जरूरी पौष्टिक तत्व मां के दूध के अलावा और किसी आहार में नहीं मिलते।

- डॉ. राजीव कुमार रोहतगी, बाल रोग विशेषज्ञ, जिला महिला अस्पताल

chat bot
आपका साथी