पीडि़त पक्ष ने सीबीआइ पर उठाई अंगुली

विधि संवाददाता, बदायूं : कटरा सआदतगंज कांड में पीड़ित पक्ष ने सीबीआइ पर अंगुली उठाई है। कोर्ट से क्लो

By Edited By: Publish:Thu, 18 Dec 2014 11:38 PM (IST) Updated:Thu, 18 Dec 2014 11:38 PM (IST)
पीडि़त पक्ष ने सीबीआइ पर उठाई अंगुली

विधि संवाददाता, बदायूं : कटरा सआदतगंज कांड में पीड़ित पक्ष ने सीबीआइ पर अंगुली उठाई है। कोर्ट से क्लोजर रिपोर्ट की नकल हासिल करने के बाद किशोरियों के पिता ने कहा हाईकोर्ट से बिना मॉनीट¨रग कराए ही क्लोजर रिपोर्ट कोर्ट में दाखिल कर दी गई है। हमारे साथ इंसाफ नहीं हुआ है। अब सिर्फ अदालत से ही न्याय की उम्मीद है। छह जनवरी को पीड़ित पक्ष पाक्सो कोर्ट में प्रोटेस्ट अर्जी लगाएगा।

कटरा सआदतगंज कांड को छह महीने से अधिक का समय हो चुका है। मामले में सीबीआइ ने विशेष न्यायालय पाक्सो कोर्ट ने क्लोजर रिपोर्ट दाखिल कर दी है। जिस पर अदालत ने छह जनवरी की तारीख प्रोटेस्ट अर्जी के लिए लगाई है। पीड़ित पक्ष ने गुरुवार को अपने अधिवक्ता से संपर्क कर प्रोटेस्ट अर्जी की तैयारी की कार्यवाही शुरू कर दी है। साथ ही उन्होंने सीबीआइ की क्लोजर रिपोर्ट पर अंगुली उठाना भी शुरू कर दिया है। पीड़ित पक्ष का कहना है कि इस मामले में हाईकोर्ट द्वारा मॉनीट¨रग की जा रही है। कोर्ट के दिशा-निर्देश पर शुरू में एक दो पर्चा काटकर हाईकोर्ट में दिए गए। बाद में बिना मॉनीट¨रग कराए क्लोजर रिपोर्ट को पाक्सो कोर्ट में दाखिल कर दिया गया। कचहरी में आए किशोरी के पिता सोहनलाल ने अपने अधिवक्ता ज्ञान सिंह शाक्य के सामने सीबीआइ द्वारा उनकी बात को अनदेखा करने का भी आरोप लगाया है। सोनपाल का कहना है कि पप्पू ने अपना गुनाह कबूल किया था। इस तथ्य को नजरंदाज किया गया। सुबह लड़कियों के शव स्थल पर गंगा का जल नहीं था तब भी उनके शवों को निकलवाकर मेडिकल नहीं कराया गया। उनके 11 वर्षीय पुत्र प्रवेश को प्रताड़ित किया गया। दूसरे पक्ष के चिकित्सीय परीक्षण उन्ही के अधिवक्ता की मौजूदगी में सीबीआइ ने यहीं करा लिए, जबकि हमारे पक्ष का परीक्षण बाहर ले जाकर कराया गया। कचहरी आए लड़की के भाई ने कहा दबाव में आकर सीबीआइ ने हमारे साथ इंसाफ नहीं किया। अब हमें अदालत से ही इंसाफ की उम्मीद बाकी है। हम अदालत में छह जनवरी को प्रोटेस्ट अर्जी के साथ मजबूत सबूत तथा गवाह पेश करेंगे।

इनसेट-

पीड़ित पक्ष पर कार्रवाई का फैसला भी अदालत ही करेगी

बदायूं : पीड़ित पक्ष के अधिवक्ता ज्ञान सिंह शाक्य ने जागरण को बताया कि क्लोजर रिपोर्ट के अंतिम पैरे में सीबीआई ने पीड़ित पक्ष तथा गवाहों पर धारा 182 के तहत मुकदमा दर्ज करने तथा 211 के तहत आरोप पत्र की बात कही है, जो उनके अधिकार क्षेत्र के अंतर्गत नहीं है। क्लोजर रिपोर्ट या अंतरिम रिपोर्ट दाखिल करने के बाद पीड़ित पक्ष द्वारा उस पर प्रोटेस्ट अर्जी देने का कानूनी हक प्राप्त है। पीड़ित पक्ष तथा गवाहों के बयान सुनने के बाद ही अदालत निर्णय लेगी कि क्लोजर रिपोर्ट को मंजूर करे अथवा नहीं। उक्त धाराओं में मुकदमे भी अदालत के ही आदेश से हो सकता है।

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