महाराजा सुहेलदेव विश्वविद्यालय में पूरे देश के छात्र पढ़ेंगे : प्रो. शर्मा

-बोले पहले कुलपति -कौशल विकास का संचालित होगा कोर्सलघु उद्योग को होगा फायदा - सत्र

By JagranEdited By: Publish:Thu, 13 Jan 2022 05:26 PM (IST) Updated:Thu, 13 Jan 2022 05:26 PM (IST)
महाराजा सुहेलदेव विश्वविद्यालय में पूरे देश के छात्र पढ़ेंगे : प्रो. शर्मा
महाराजा सुहेलदेव विश्वविद्यालय में पूरे देश के छात्र पढ़ेंगे : प्रो. शर्मा

-बोले पहले कुलपति:::

-कौशल विकास का संचालित होगा कोर्स,लघु उद्योग को होगा फायदा

- सत्र 2022-23 का संचालन यहीं से किया जाएगा आरंभ

- विश्वविद्यालय के पहले कुलपति निर्माण स्थल का किया निरीक्षण

जागरण संवाददाता, आजमगढ़: आजमगढ़ राज्य विश्वविद्यालय के पहले कुलपति प्रोफेसर प्रदीप कुमार शर्मा ने कहा कि आजमबांध गांव में शिलान्यास के समय केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की पहल पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विश्वविद्यालय का नाम महाराजा सुहेलदेव के नाम करने की घोषणा की थी, जिसके संबंध में सरकार ने नोटीफिकेशन जारी कर दिया है। महाराजा सुहेलदेव विश्वविद्यालय में गुणवत्तापरक शिक्षा पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। जिससे विश्वविद्यायल में पूरे देश के छात्र पढ़ने आएं।

प्रो. शर्मा ने यह बातें बुधवार को विश्वविद्यालय स्थापना स्थल का भौतिक निरीक्षण करने के बाद शहर के डीएवी पीजी कालेज में अस्थायी भवन में प्रेस-प्रतिनिधियों से कही।

कुलपति ने कहाकि आजमबांध गांव में राज्य विश्वविद्यालय का निर्माण दो चरणों में होगा। प्रथम चरण वे प्रशासनिक भवन, कार्यालय, पुस्तकालय सहित वे सभी निर्माण पूरे जो जाएंगे, जिससे कि वर्ष 2022-23 का संचालन यहीं से शुरू हो सके। उन्होंने बताया कि आज निर्माण स्थल का निरीक्षण किया है। जिस गति से काम हो रहा है,उससे यही लगता है कि प्रथम चरण का निर्माण एक वर्ष में पूरा हो जाएगा।

प्रो. शर्मा ने बताया कि विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार वीपी कौशल को नियुक्त किया गया है, जिन्होंने आज यहां कार्यभार ग्रहण कर लिया। पूर्वांचल विश्वविद्यालय जौनपुर के सब रजिस्ट्रार दीपक कुमार अभी यहां का अतिरिक्त कार्य देखेंगे। अभी वित्त लेखाकार की नियुक्ति नहीं हुई है। कुलपति ने कहा कि नई शिक्षा नीति के तहत बेहतर पठन-पाठन सुनिश्चित करना प्राथमिकता होगी। परंपरागत शिक्षा के साथ रोजगारपरक शिक्षा देने पर भी बल दिया जाएगा। विज्ञान, कृषि, आर्ट, कामर्स आदि विषयों के अलावा स्किल डेवलेपमेंट(कौशल विकास) का कोर्स संचालित किया जाएगा। इससे लघु उद्योग को काफी फायदा होगा, अधिक से अधिक लोगों को रोजगार मिलेगा और प्रदेश का विकास होगा।

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