कैमरा, रोल, एक्शन और शुरू हो गई 'मी रक्सम' की शू¨टग

फूलपुर (आजमगढ़): प्रख्यात शायर व फिल्म गीतकार कैफी आजमी के पैतृक गांव मेजवां की फतेह मंजिल। दिन गुरुवार और समय लगभग 11 बजे थे। आसपास का माहौल किसी फिल्म स्टूडियो सरीखा दिख रहा था। भीड़ का बस इंतजार था कि आगे अब क्या और कब होगा। इसी बीच सिने तारिका शबाना आजमी छोटे भाई बाबा आजमी के साथ पहुंचते हैं। उसके साथ होते हैं जिलाधिकारी शिवाकांत द्विवेदी। तभी कैमरा, रोल और एक्सन की आवाज के साथ जिलाधिकारी क्लैप देते हैं। उसके बाद शुरू हो जाती है पिता-पुत्री यानी कैफी आजमी और शबाना आजमी के जीवन पर आधारित फिल्म 'मी रक्सम' की शू¨टग। लगभग 20 मिनट तक मुहूर्त के बाद सिने तारिका ने चर्चित नारा 'कमाने वाला खाएगा, लूटने वाला जाएगा लगवाया'। उसके बाद शू¨टग शुरू हुई तो सबकी आंखें टकटकी लगाए देखती रहीं।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 17 Jan 2019 09:01 PM (IST) Updated:Thu, 17 Jan 2019 09:01 PM (IST)
कैमरा, रोल, एक्शन और शुरू हो गई 'मी रक्सम' की शू¨टग
कैमरा, रोल, एक्शन और शुरू हो गई 'मी रक्सम' की शू¨टग

जागरण संवाददाता, फूलपुर (आजमगढ़) : प्रख्यात शायर व फिल्म गीतकार कैफी आजमी के पैतृक गांव मेजवां की फतेह मंजिल। दिन गुरुवार और समय लगभग 11 बजे थे। आस-पास का माहौल किसी फिल्म स्टूडियो सरीखा दिख रहा था। भीड़ को बस इंतजार था कि आगे अब क्या और कब होगा। इसी बीच सिने तारिका शबाना आजमी छोटे भाई बाबा आजमी के साथ पहुंचते हैं। साथ होते हैं जिलाधिकारी शिवाकांत द्विवेदी। तभी कैमरा, रोल और एक्शन की आवाज के साथ जिलाधिकारी क्लैप देते हैं। उसके बाद शुरू हो जाती है पिता-पुत्री यानी कैफी आजमी और शबाना आजमी के जीवन पर आधारित फिल्म 'मी रक्सम' की शू¨टग। लगभग 20 मिनट तक मुहूर्त के बाद सिनेतारिका ने चर्चित नारा 'कमाने वाला खाएगा, लूटने वाला जाएगा लगवाया'। उसके बाद शू¨टग शुरू हुई तो सबकी आंखें टकटकी लगाए देखती रहीं।

कैफी आजमी की 100वीं जयंती पर समर्पित फिल्म के निर्माता व निर्देशक खुद मशहूर सिने फोटोग्राफर बाबा आजमी हैं। कैफी आजमी की प्रतिमा के सामने मी रक्सम फिल्म के प्रमुख किरदार मुंबई के मशहूर फिल्म कलाकार दानिश हुसैन और मेजवां की ही 14 वर्षीय अदिति शर्मा ने पहला स्क्रिप्ट दिया। पिता (कैफी) के रोल में दानिश हुसैन आते हैं। इसी दौरान बेटी के किरदार में (शबाना) अदिति शर्मा कहती हैं कि 'प्यार का जश्न नई तरह मनाना होगा, गम किसी के दिल में सही गम को मिटाना होगा'। उसके बाद पहले दिन का पैकअप। ..और जब आजमी परिवार की नम हो गई आंखें

पिता-पुत्री के संबंधों पर आधारित फिल्म काफी रोचक है। बेटी के जीवन में तमाम तरह के सामाजिक बंधन हैं। बावजूद इसके वह समाज को एक नई दिशा दिखाने का काम करना चाह रही है। मुहूर्त के दौरान आजमी परिवार की आंखें नम हो गई। खास बात यह रही कि शबाना आजमी के आग्रह पर जिलाधिकारी की पत्नी अर्चना द्विवेदी ने कैमरे को ऑन किया और डीएम ने इस फीचर फिल्म का शुभ मुहूर्त। अब्बू की ख्वाहिशों को पूरा करने का मिला मौका : बाबा आजमी

शबाना आजमी के भाई बाबा आजमी ने बताया कि लगभग 35 वर्ष पूर्व अब्बू (कैफी आजमी) ने खुद उनसे इजहार किया था कि क्या मेजवां गांव में इस तरह की कोई फिल्म बनाई जा सकती है, लेकिन उस समय संभव नहीं हो सका था। अपने पिता के जज्बातों के मद्देनजर एवं उनकी ख्वाहिशों को पूरा करने के लिए गांव में इस फिल्म की शू¨टग की जा रही है, जो कैफी आजमी की स्वर्ण जयंती से लेकर लगभग दो माह तक चलेगी। मेरे लिए बड़ी खुशी की बात है कि मैंने इस फिल्म को लीड मेजवां से ही किया है। समाज को नई दिशा देगी 'मी रक्सम' : शबाना

जिलाधिकारी शिवाकांत द्विवेदी ने कहा की मशहूर शायर की स्वर्ण जयंती पर आज शुभ मुहूर्त करने का जो मौका दिया गया है, उससे बेहद खुशी हो रही है। फिल्म के बन जाने से उनके जीवन से लोग प्रेरित होंगे। शबाना आजमी ने कहा कि आजमी परिवार के लिए यह सबसे बड़ी उपलब्धि है, जो मेजवां गांव में 'मी रक्सम' फिल्म बनाने का मौका मिला है। यह फिल्म पूरी तरह से कामयाब होगी। कैफी आजमी अवाम की आवाज थे और बाबा आजमी इस फिल्म को शुरुआत दी है। यह फिल्म समाज को नई दिशा देने का काम करेगी।

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