अतरौलिया में पटेल की लगेगी जिले की सबसे ऊंची प्रतिमा

अतरौलिया (आजमगढ़) भारत रत्न सरदार बल्लभ भाई पटेल की 144वीं जयंती पर कस्बा स्थित पटेल मेमोरियल इंटर कालेज में समारोह का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि जल शक्ति मंत्री महेंद्र सिंह थे। उन्होंने कहा कि सरदार पटेल की पूरे विश्व की सबसे ऊंची प्रतिमा गुजरात में है तो आजमगढ़ की सबसे ऊंची प्रतिमा अतरौलिया के पटेल स्कूल के प्रांगण में स्थापित होगी।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 31 Oct 2019 07:44 PM (IST) Updated:Thu, 31 Oct 2019 07:44 PM (IST)
अतरौलिया में पटेल की लगेगी जिले की सबसे ऊंची प्रतिमा
अतरौलिया में पटेल की लगेगी जिले की सबसे ऊंची प्रतिमा

जागरण संवाददाता, अतरौलिया (आजमगढ़) : भारत रत्न सरदार वल्लभ भाई पटेल की 144वीं जयंती पर कस्बा स्थित पटेल मेमोरियल इंटर कालेज में समारोह का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि जल शक्ति मंत्री महेंद्र सिंह थे। उन्होंने कहा कि सरदार पटेल की पूरे विश्व की सबसे ऊंची प्रतिमा गुजरात में है तो आजमगढ़ की सबसे ऊंची प्रतिमा अतरौलिया के पटेल स्कूल के प्रांगण में स्थापित होगी। मंत्री ने कहा कि आज देश तथा प्रदेश का स्वर्णिम काल चल रहा है। प्रदेश में कानून-व्यवस्था ठीक है। देश से गरीबी काफी हद तक दूर हो चुकी है। भारत की प्रतिभा का लोहा पूरा विश्व मानने को विवश है। कहा कि पटेल जी ने पूरे देश को एक धागे में पिरोया है। सभी रियासतों को पटेल जी ने बखूबी एक सूत्र में बांधा मगर एक रियासत का जिम्मा कांग्रेस मुखिया पंडित जवाहरलाल नेहरू लिए थे जिसका दंश आज तक हम लोग झेल रहे थे, लेकिन वह भी अब भारत का अभिन्न अंग है जहां एक देश, एक विधान, एक प्रधान का नारा साकार हुआ। राज्यमंत्री गुजरात कौशिक ने कहा कि अगर पटेल जी को कुछ और समय मिलता तो आज निश्चित रूप से भारत की आर्थिक और भौगोलिक दशा कुछ और होती। भाजपा के जिलाध्यक्ष जयनाथ सिंह ने कहा कि देश को पटेल की जरूरत थी मगर उस समय के कांग्रेसियों ने नेहरू को जबरदस्ती देश पर थोप दिया। आजादी के समय देश 17 प्रांतों में बंटा था जिनमें से 14 प्रांतों ने पटेल को वोट किया। मात्र तीन प्रांतों ने नेहरू को वोट किया, लेकिन उसके बाद भी नेहरू को प्रधानमंत्री बना दिए गए। इस मौके पर पूर्व विधायक त्रिवेणी राम, भाजपा गोरखपुर प्रांत के क्षेत्रीय मंत्री विनोद राय, संजय सिंह, विजय बहादुर पाठक, विराट कोहली, उपेंद्र शुक्ला, विनोद राजभर, प्रभाकर तिवारी, रामाधीन सिंह आदि थे।

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