74 करोड़ रुपये खर्च बाद भी भूमिगत केबल 'धड़ाम'

आजमगढ़ सदर संसदीय सीट से सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव जब सांसद चुने गए तो शहर ही नहीं पूरे जिले में 24 से 20 घंटे बिजली आपूर्ति हो रही थी। नगरीय क्षेत्र में निर्बाध विद्युत आपूर्ति के लिए तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के कार्यकाल में भूमिगत केबल बिछाने के लिए लगभग 74 करोड़ की परियोजना पूरी हुई। उपभोक्ताओं के घरों तक बिजली आपूर्ति के लिए केबल और बाक्स लगाने में मानक की ऐसी अनदेखी की गई कि योजना अपने उद्देश्य को पूरा नहीं कर सकी।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 14 Mar 2020 06:24 PM (IST) Updated:Sat, 14 Mar 2020 06:24 PM (IST)
74 करोड़ रुपये खर्च बाद भी भूमिगत केबल 'धड़ाम'
74 करोड़ रुपये खर्च बाद भी भूमिगत केबल 'धड़ाम'

--बदहाल व्यवस्था :::

-निर्बाध बिजली आपूर्ति को तत्कालीन सपा सरकार में योजना को मिली थी मंजूरी

-केबल बिछाने व बाक्स लगाने में मानक की अनदेखी

-फेल होने पर नहीं हटाए गए एलटी तार व जर्जर पोल

जागरण संवाददाता, आजमगढ़ : सदर संसदीय सीट से सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव जब सांसद चुने गए तो शहर ही नहीं पूरे जिले में 24 से 20 घंटे बिजली आपूर्ति हो रही थी। नगरीय क्षेत्र में निर्बाध विद्युत आपूर्ति के लिए तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के कार्यकाल में भूमिगत केबल बिछाने के लिए लगभग 74 करोड़ की परियोजना पूरी हुई। उपभोक्ताओं के घरों तक बिजली आपूर्ति के लिए केबल और बाक्स लगाने में मानक की ऐसी अनदेखी की गई कि योजना अपने उद्देश्य को पूरा नहीं कर सकी।

शहर के कुछ हिस्सों को छोड़ दिया जाए तो कार्यदायी संस्था ने पूरी तरह मानक की अनदेखी की। जगह-जगह सड़क तक फैली कटा केबल शासन-प्रशासन और बिजली विभाग को आईना दिखा रही है। उपभोक्ताओं के घरों के सामने सड़क किनारे लगे बाक्स खुले मिलेंगे। भूमिगत केबल फेल होने का नतीजा रहा कि एलटी के तार व जर्जर पोल नहीं हटाए गए। जरा सी असावधानी हुई कि नहीं दुर्घटना होने से इंकार नहीं किया जा सकता है। नगरवासियों व सामाजिक संगठनों ने कई बार प्रशासन व बिजली विभाग के अधिकारियों के अलावा डिप्टी सीएम व तत्कालीन जिला प्रभारी मंत्री तक आवाज पहुंचाई लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई।

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बिजली की परेशानी, लोगों की जुबानी ''शहर में विद्युत आपूर्ति में सुधार होता नहीं दिख रहा है। भूमिगत केबल बिछाने का मकसद पूरा नहीं हो सका। जबकि परियोजना पर करोड़ों रुपये खर्च हुए।

--अशोक कुमार मोदनवाल, खत्रीटोला।

'' निर्बाध रूप से बिजली आपूर्ति के लिए तत्कालीन सपा सरकार में भूमिगत केबल बिछाई गई थी। कराड़ों रुपये खर्च होने के बाद भी उपभोक्ताओं को सही रूप से बिजली नहीं मिल रही है।

--अमित कुमार, शिवाजी नगर।

''इससे बेहतर पोल व तार से बिजली आपूर्ति सही हो रही थी। आपूर्ति कब होगी और कब बिजली चली गई पता ही नहीं चलता है।

--दुर्गेश, कोलघाट।

''भूमिगत केबल तो बिजली आपूर्ति की खस्ताहाल व्यवस्था में कोढ़ में खाज का काम रही है। केबल बिछाने के नाम पर लूट-खसोट जाहिर हो रही है।

--विनय सिंह, गुरुटोला।

''भूमिगत केबल बिछाने की योजना का मकसद तो पूरा नहीं हुआ। अब तो प्रतिदिन कब बिजली कट जाएगी, पता नहीं। बिजली आपूर्ति की ऐसी स्थिति कभी नहीं रही।

--अधीर कुमार, कुर्मीटोला।

''बिजली आपूर्ति की बदहाल स्थिति है। भूमिगत केबल बिछाने का जब कार्य शुरू हुआ तो लगा कि अब फाल्ट नहीं होगा। लेकिन उससे उलट ही हुआ। शासन-प्रशासन को ध्यान देना होगा।

--नसीर अहमद, एलवल।

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जांच को प्रमुख सचिव ऊर्जा को पत्र

''शहर में बिजली आपूर्ति की लगातार शिकायतें मिल रही हैं। विभागीय अधिकारियों को कई बार बैठक और मौखिक रूप से निर्देश दिए गए लेकिन उनका अलग ही रोना होता है। अवगत कराया गया कि भूमिगत केबल में फाल्ट होने पर चिह्नित करने के लिए कोई संसाधन नहीं है। पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड को पूर्व में ही पत्र लिखा जा चुका है। गंभीरता से न लेने पर भूमिगत केबल के भौतिक सत्यापन के लिए प्रमुख सचिव ऊर्जा को पत्र लिखा गया है।

--नागेंद्र प्रसाद सिंह, जिलाधिकारी।

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