ईओडब्ल्यू तक पहुंचा एडीए में भ्रष्टाचार का मामला

आजमगढ़ एडीए में भ्रष्टाचार की शिकायत मुख्यमंत्री के अलावा आर्थिक अपराध अनुसंधान संगठन (ईओडब्ल्यू) तक पहुंच गया है। विभागीय कर्मचारी पर अपने पद का दुरुपयोग करते हुए सरकार और जनता के धन का गबन और अवैध कमाई का आरोप लगाया गया है। हालांकि ईओडब्ल्यू लखनऊ के पुलिस अधीक्षक ने संबंधित शिकायती पत्र वापस कर दिया है। जिलाधिकारी को प्रेषित पत्र में अपने स्तर पर कार्रवाई करने के लिए कहा है क्योंकि इस प्रकरण में ईओडब्ल्यू द्वारा कोई जांच नहीं की गई है।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 12 Oct 2019 06:12 PM (IST) Updated:Sat, 12 Oct 2019 10:24 PM (IST)
ईओडब्ल्यू तक पहुंचा एडीए में भ्रष्टाचार का मामला
ईओडब्ल्यू तक पहुंचा एडीए में भ्रष्टाचार का मामला

जागरण संवाददाता, आजमगढ़ : एडीए में भ्रष्टाचार की शिकायत मुख्यमंत्री के अलावा आर्थिक अपराध अनुसंधान संगठन (ईओडब्ल्यू) तक पहुंच गया है। विभागीय कर्मचारी पर अपने पद का दुरुपयोग करते हुए सरकार और जनता के धन का गबन और अवैध कमाई का आरोप लगाया गया है। हालांकि ईओडब्ल्यू लखनऊ के पुलिस अधीक्षक ने संबंधित शिकायती पत्र वापस कर दिया है। जिलाधिकारी को प्रेषित पत्र में अपने स्तर पर कार्रवाई करने के लिए कहा है, क्योंकि इस प्रकरण में ईओडब्ल्यू द्वारा कोई जांच नहीं की गई है।

शहर से सटे घोरठ गांव निवासी राम संजीवन सिंह पुत्र चक्रधर और साधना सिंह पत्नी राघवेंद्र सिंह ने एडीए के मानचित्रकार बृजभूषण विश्वकर्मा के खिलाफ शिकायती पत्र दिया था। आरोप लगाया था कि इनकी तैनाती 2002 में मंडलीय नियोजन विभाग में की गई थी। जब मानचित्र स्वीकृति का कार्य इसी विभाग द्वारा किया जाता था। 2008 में जब आजमगढ़ विकास प्राधिकरण का गठन हुआ तो मानचित्रकार ने प्रतिनियुक्ति पर अपना स्थानांतरण एडीए में करा लिया, जबकि प्रतिनियुक्ति पर कोई भी कर्मचारी अन्य विभाग में पांच वर्ष तक रह सकता है। विभागीय साठ-गांठ से 2017 तक तैनात रहे। समयावधि पूरी होने के कारण मुख्य ग्राम एवं नगर नियोजक उत्तर प्रदेश शासन द्वारा इनका स्थानांतरण मुख्यालय कर दिया गया। सचिव ने कार्यमुक्त कर दिया, लेकिन पुन: अपना स्थानांतरण सहयुक्त नियोजक संभागीय नियोजन खंड वाराणसी में करा लिया। पहुंच के बल वहां से पुन: एडीए कार्यालय आजमगढ़ में स्थानांतरण करा लिया।

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