विश्व राजनीति पर छाए रहे चंद्रजीत यादव

आजमगढ़ : साधरण से किसान परिवार में पैदा पूर्व केंद्रीय मंत्री चंद्रजीत यादव विलक्षण राजनीतिक प्रतिभा, अपनी विभिन्न वर्गो की सोच, राजनीतिक सवालों पर स्वयं के सोचने की सलाहियत के बल पर विश्व राजनीति में छाये रहे। उन्होंने विश्व की घटनाओं. परिघटनाओं, देश की बनती. बिगड़ती स्थिति के साथ किसानो, नौजवानों, महिलाओं के सवालों पर अपना सिद्धांत परिपादित करने में पूरी तरह सक्षम रहें। एक जनवरी को उनके आवास पर श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया है। इसमें विभिन्न दलों के लोग उनकी श्रद्धांजलि सभा में हिस्सा लेंगे।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 31 Dec 2018 09:35 PM (IST) Updated:Mon, 31 Dec 2018 09:35 PM (IST)
विश्व राजनीति पर छाए रहे चंद्रजीत यादव
विश्व राजनीति पर छाए रहे चंद्रजीत यादव

जागरण संवाददाता, आजमगढ़ : साधारण से किसान परिवार में पैदा पूर्व केंद्रीय मंत्री चंद्रजीत यादव विलक्षण राजनीतिक प्रतिभा, सोचने की सलाहियत के बल पर विश्व राजनीति में छाए रहे। विश्व की घटनाओं, देश की बनती-बिगड़ती स्थिति के साथ किसानो, नौजवानों, महिलाओं के सवालों पर सिद्धांत प्रतिपादित करने में पूरी तरह सक्षम रहे। एक जनवरी को उनके आवास पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। इसमें विभिन्न दलों के लोग हिस्सा लेंगे।

चंद्रजीत यादव का जन्म 1 जनवरी 1930 को पैतृक गांव सरुपहा लालगंज में हुआ था। बाद में केंद्रीय मंत्री होने पर उन्होंने जिला मुख्यालय पर भी आवास बना लिया। विश्वस्तरीय सामाजिक न्याय आंदोलनों के प्रेरक के रूप में उन्होंने पूरी दुनिया से रंग-भेद को मिटाने, महिलाओं के साथ असमानता के व्यवहार को समाप्त कराने के लिए विभिन्न देशों में इन वर्गों के आंदोलनों का नेतृत्व किया। वे संसद में तथा संसद के बाहर किसानों को उत्पादन का लाभकारी मूल्य दिलाने के लिए किए गए संघर्षों के चलते किसान हितैषी बन गए। नौजवानों के लिए काम दो या बेकारी भत्ता दो नारा बुलंद करते रहे। सामाजिक न्याय के अपने 13 सूत्रीय प्रोग्राम में इन ज्वलंत प्रश्नों को भी शामिल किया था। उनका मानना था कि कोई भी देश तब तक समृद्धशाली नहीं कहा जा सकता, जब तक उस देश से सामाजिक असमानता खत्म नहीं हो जाती, नौजवानों के हाथों को काम नहीं मिल जाता है। खेती-किसानी को लेकर वे बराबर ¨चतित रहते थे। कहते थे कि जब तक किसान को मजबूत नहीं होगा, किसान की तरक्की नहीं होगी, तब देश बदहाल ही कहा जाएगा। घाघरा की विनाशकारी बाढ़ से देवरांचल की फसलों की सुरक्षा के लिए 42 किमी लंबा महुला गढवल बांध का निर्माण कराया। गन्ना उत्पादक किसानों के लिए सठियांव में चीनी मिल की स्थापना कराईं। जनपद के चार महाविद्यालयों शिब्ली नेशनल कालेज, डीएवी कालेज, श्री गांधीजी पीजी कालेज मालटारी, मोहम्मदाबाद के गोहना के विद्यालय को बेहतर शिक्षण संस्थान के रूप में विकसित करने हेतु केंद्र सरकार से धन दिलवा दिया। उन्होंने उन विद्यालयों में जाकर योजनाएं बनाई थी और विद्यालयों का विकास हुआ। राष्ट्र, जनहितैषी, त्याग की राजनीति का मंसूबा रखने वाले नई पीढ़ी के युवाओं को चंद्रजीत यादव को पढ़ना व समझना चाहिए व उनके कृतित्व से सीख लेनी चाहिए।

chat bot
आपका साथी