हाईवे ही नहीं जनाब! शहर में भी जानलेवा हो सकता है कोहरा

ठंड के साथ शुरू हुआ कोहरा सिर्फ हाईवे पर ही नहीं शहर के अंदर की सड़कों पर भी खतरा बना हुआ है। बवाली मोड़ से लेकर नगर पालिका तिराहा स्थित बंधा बाईपास मार्ग पर स्थित दो मोड़ जानलेवा बना हुआ है।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 04 Dec 2019 07:28 PM (IST) Updated:Wed, 04 Dec 2019 07:28 PM (IST)
हाईवे ही नहीं जनाब! शहर में भी जानलेवा हो सकता है कोहरा
हाईवे ही नहीं जनाब! शहर में भी जानलेवा हो सकता है कोहरा

हाईलाइटर ::::::::::

ठंड के साथ शुरू हुआ कोहरा सिर्फ हाईवे पर ही नहीं, बल्कि शहर के अंदर की सड़कों पर भी जानलेवा हो सकता है। शहर में प्रवेश से लेकर शहर के अंदर तक कई ऐसे स्थान हैं जहां कोहरे के दौरान राह दिखना मुश्किल हो जाता है। बवाली मोड़ से लेकर नगर पालिका तिराहा स्थित बंधा बाईपास मार्ग पर स्थित कई ऐसे स्थान हैं जो खतरनाकर साबित होते हैं। वहीं पुराने जेल से लेकर लालडिग्गी बंधा मार्ग हो या नरौली-मिशन अस्पताल मार्ग, इन सड़कों पर जगह-जगह बने स्पीड ब्रेकर भी मानक के विपरित होने से कम खतरनाक नहीं हैं। अंधा मोड़ व स्पीड ब्रेकरों पर नहीं है नजर

जागरण संवाददाता, आजमगढ़ : शहर के कई ऐसे कट मार्ग व अंधा मोड़ हैं जो कोहरे में जानलेवा बन जाते हैं। शहर के बवाली मोड़ से लेकर नगर पालिका तिराहा पर स्थित दो कट ऐसे हैं जो खतरनाक हैं। अगल-बगल में खतरनाक खाई है। वहीं खतरनाक अंधा मोड़ के रूप में पुराना जेल, पांडेय बाजार, कटरा, अतलस पोखरा, बदरका तिराहा, जामा मस्जिद तिराहा, विश्वकर्मा मंदिर के पीछे स्थित मूसेपुर रोड समेत दर्जनों ऐसे अंधा मोड़ हैं जो कोहरे में दुर्घटना के कारण बनते हैं। इन स्थानों पर पुलिस की ओर से कोई भी अंधा मोड़ का न तो बोर्ड लगा है और न ही ट्रैफिक के जवान रहते हैं। इसके चलते वाहन चालक गलत साइड से चलते हैं और दुर्घटना के शिकार हो जाते हैं। इन सबके बाद हादसे का सबसे बड़ा कारण स्पीड पर लगाम का न होना भी बनता है। ड्राइवर जल्दी पहुंचने के चक्कर में यह भूल जाते हैं कि उनकी जल्दी हादसे का कारण भी बन सकती है। सड़कों पर अतिक्रमण भी दुर्घटना के कारण

शहर के संकरे मार्ग से लेकर डबल लेन के मार्गों पर भी जगह-जगह दुकानदार, पटरी दुकानदार से लेकर अन्य लोगों ने अतिक्रमण कर लिया है। वहीं शहर के अंदर सड़कों व पटरियों पर खड़े बेतरतीब वाहनों से भी आए दिन दुर्घटनाएं होती रहती हैं। सड़कों व पटरियों पर पार्किंग ही नहीं, टेंपो व ठेला, रिक्श्शा चालकों ने स्टैंड भी बना लिया है जो दुर्घटना के प्रमुख कारण बने हुए हैं। खतरे से खाली नहीं बेलइसा फ्लाईओवर

बेलइसा फ्लाईओवर से वाहन तेज गति से एक दूसरे को ओवरटेक करने में टकरा जाते हैं। 22 नवंबर को यहां पर तेज गति से जा रहे कार चालक ने ओवर टेक करने के प्रयास में बाइक सवार को टक्कर मार दिया, जिससे घायल बाइक सवार अभी भी अस्पताल में जिदगी व मौत से संघर्ष कर रहा है। बेलइसा फ्लाईओवर पर चलना खतरे से खाली नहीं है। आए दिन हो रही दुर्घटना के बाद भी प्रशासन का इस ओर नजर नहीं है। बेसहारा पशु भी परेशानी के बने सबब

सड़कों पर घूम रहे बेसहारा पशु भी कोहरे में दुर्घटना के कारण बन जाते हैं। अचानक कोई पशु सामने आ जाता है तो उसे बचाने के प्रयास में वाहन अनियंत्रित होकर या पलट जाता है या दूसरे वाहन से टकरा जाता है। शासन की ओर से चलाए गए अभियान के बाद भी शहर की सड़कों पर बेसहारा पशु घूमते हुए कहीं भी देखे जा सकते हैं। सड़कों पर नहीं है सफेद पट्टी, संकेत बोर्ड भी नदारद

शहर के अंदर किसी भी सड़क पर न ही सफेद पट्टी बनी हुई है और न ही डिवाइडरों पर रेडियम पेंट किए गए हैं। कोहरे की वजह से सड़कें दिखाई नहीं देती हैं। वाहन चालकों का कहना है कि सफेद पट्टी के सहारे ही वे कोहरे में वाहन लेकर चलते हैं। सफेद पट्टी से अंदाजा लग जाता है कि उनके वाहन सड़क पर सही दिशा में चल रहे हैं। स्पीड ब्रेकर व डिवाइडर पर अगर रेडियम पेंट होता है तो वह भी दूर से ही दिखाई दे देता है। रेडियम से लिखे सूचना बोर्ड भी दूर से ही देखकर चालक समझ जाता है कि आगे अंधा मोड़ है या पुलिया व संकरा रास्ता है। वर्जन::::::::::::::

यातायात पुलिस के साथ ही परिवहन विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक कर निर्देश दिया गया है कि वे कोहरे में सड़कों पर सफेद पट्टी, डिवाइडरों पर रेडियम, दुर्घटना बाहुल्य क्षेत्र व अंधा मोड़ पर सूचना बोर्ड लगा दें जिससे कोहरे में वाहन चालकों के लिए सड़कों पर चलना सुविधाजनक हो सके। नपा को शहर की सड़कों पर घूम रहे बेसहारा पशुओं को पकड़ने का निर्देश भी दिया गया है।

-प्रो. त्रिवेणी सिंह, पुलिस अधीक्षक।

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