मृदा स्वास्थ्य के प्रति जागरूक हों अन्नदाता
जागरण संवाददाता, आजमगढ़ : विश्व मृदा दिवस पर मंगलवार को कृषि विज्ञान केंद्र कोटवा में विशेष
जागरण संवाददाता, आजमगढ़ : विश्व मृदा दिवस पर मंगलवार को कृषि विज्ञान केंद्र कोटवा में विशेष संगोष्ठी हुई। इस दौरान किसानों को आधुनिक खेती की विस्तृत जानकारी दी गई। अध्यक्षता कर रहे जिलाधिकारी चंद्रभूषण ¨सह ने किसानों व जनप्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए बताया कि चार-पांच दशक पूर्व किसान परंपरागत तरीके से खेती करते थे। वर्तमान में अधिक उत्पादन प्राप्त करने के लिए रासायनिक उर्वरकों व कीटनाशकों का अंधाधुंध प्रयोग किया जा रहा है। नतीजा एक तरफ प्रदूषण हो रहा है तो दूसरी तरफ मिट्टी में मौजूद लाभकारी जीवांश, कीड़े, केंचुए आदि की संख्या में निरंतर कमी हो रही है।
बताया कि कृषि उत्पाद दूषित हो रहे हैं जिसका असर मानव स्वास्थ्य पर पड़ रहा है। उन्होंने मिट्टी परीक्षण के आधार पर प्राप्त मृदा स्वास्थ कार्ड की संस्तुति के अनुसार संतुलित मात्रा में उर्वरकों का प्रयोग करने की जानकारी दी। भाजपा के जिलाध्यक्ष प्रेमप्रकाश राय ने किसानों वह भी खासकर महिला किसानों का आह्वान किया कि वे अधिक से अधिक जैविक खेती की ओर उन्मुख हों। केंद्र व प्रदेश की सरकार किसानों की आय दोगुना करने के लिए ²ढ़ संकल्पित है। उप कृषि निदेशक डा.आरके मौर्य ने बताया मिट्टी में रसायनों की अधिकता होने से इसकी संरचना खराब हो रही है। इससे हमारी अर्थव्यवस्था, करोड़ों लोगों की आजीविका, खाद्य उपलब्धता आदि पर गंभीर संकट हो गया हैं। इसलिए फसल उत्पादन एवं सुरक्षा में जैव उर्वरकों एवं कीटनाशकों का प्रयोग किया जाना अनिवार्य हो गया है। केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक सदस्य डा. आरके ¨सह ने बताया कि यदि किसान अपनी मिट्टी का संरक्षण नहीं करेंगे तो एक समय ऐसा आएगा कि उसकी उत्पादकता में ठहराव आ जाएगा। इस मौके पर कार्यक्रम सहायक डा. दिनेश कुमार पांडेय, प्रक्षेत्र प्रबधक राना पियूष कुमार ¨सह, कम्प्यूटर प्रोग्रामर इं. रविशंकर यादव, कार्यालय अधीक्षक राधेश्याम ¨सह एवं कनिष्ठ सहायक सुमन ¨सह उपस्थित थीं।