तकनीकी खेती से रूबरू हुए किसान

बिलरियागंज (आजमगढ़) : स्थानीय विकास खंड परिसर में सोमवार को कृषि निवेश मेला, गोष्ठी एवं कृषि प्रद

By Edited By: Publish:Mon, 26 Sep 2016 10:12 PM (IST) Updated:Mon, 26 Sep 2016 10:12 PM (IST)
तकनीकी खेती से रूबरू हुए किसान

बिलरियागंज (आजमगढ़) : स्थानीय विकास खंड परिसर में सोमवार को कृषि निवेश मेला, गोष्ठी एवं कृषि प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय की बहनों नै यौगिक खेती की महत्ता, विधि एवं आवश्यकता पर विस्तार से जानकारी दी। कृषि में रसायनों के प्रभाव, जल, मृदा एवं खाद्यान्नों में प्रदूषण के ²ष्टिगत पारंपरिक खेती अपनाते हुए कृषि के साथ पशुपालन पर जोर दिया।

कृषि विज्ञान केंद्र कोटवा के वरिष्ठ वैज्ञानिक डा.आरके ¨सह ने खरीफ फसलों की समसामायिक जानकारी और रबी उत्पादन की रणनीति पर विस्तार से चर्चा की। धान की विभिन्न बीमारियों तथा उनसे सुरक्षा के उपायों पर प्रकाश डाला। रबी की फसलों विशेषकर गेहूं के बीजों के चयन, मृदा परीक्षण, बीज शोधन, जीरोटिल सीडड्रिल के उपयोग के संबंध में जानकारी दी गई। अध्यक्षता कर रहे जिला कृषि अधिकारी बसंत कुमार दुबे ने कृषि विभाग द्वारा उपलब्ध सुविधाओं के लिए पारदर्शी कृषक योजना के अंतर्गत कृषकों के पंजीकरण की आवश्यकता व विधि के संबंध में जानकारी दी। बताया कि विद्युत समस्या से निदान के लिए सोलर पंपसेट लगवाना समय की मांग है। इसके लिए कृषि विभाग द्वारा विभिन्न क्षमता वाले पंपसेटों पर 62 से 88 फीसद तक अनुदान पर मिल रहा है। अन्य कृषि निवेशों की तरह सोलर पंपसेट का भी पंजीकरण कराया जाता है। पूर्व में पंजीकृत कृषकों को मात्र सोलर पम्पसेट की मांग से जोड़ दिया जाता है। बताया कि फसल बीमा के अंतर्गत किसानों के लिए प्रीमियम की धनराशि न्यूनतम निर्धारित की गई है। शेष धनराशि राज्य सरकार एवं केंद्र सरकार द्वारा बराबर-बराबर वहन किया जाता है।

chat bot
आपका साथी