Ram Navami 2024: रामलला के जन्मोत्सव पर धनिया की पंजीरी का प्रसाद, आखिर क्या है इसके पीछे की मान्यता, पढ़िए यहां

रामलला के जन्मोत्सव में लगभग दस क्विंटल से अधिक पंजीरी बनी है। बड़ी मात्रा में लड्डू और पेड़ा बटेंगे। पंजीरी के अलावा प्रसाद के पैकेट में पंचमेवा रामदाना आदि भी होगा। प्रसाद की कुल मात्रा 40 क्विंटल होगी। रामलला को छप्पन भोग लगेगा। पंचामृत भी बड़ी मात्रा में तैयार किया जाएगा जिसे प्रसाद के साथ भक्तों को वितरित किया जाएगा। दोपहर में रामजन्म के बाद प्रसाद बांटा जाएगा।

By Jagran NewsEdited By: Abhishek Saxena Publish:Tue, 16 Apr 2024 11:04 PM (IST) Updated:Tue, 16 Apr 2024 11:04 PM (IST)
Ram Navami 2024: रामलला के जन्मोत्सव पर धनिया की पंजीरी का प्रसाद, आखिर क्या है इसके पीछे की मान्यता, पढ़िए यहां
रामलला के जन्मोत्सव पर धनिया की पंजीरी का प्रसाद

HighLights

  • पांच मिनट तक होगा रामलला का सूर्य तिलक
  • धनिया की पंजीरी का विशेष महत्व, इसका भोग भी लगता है

संसू, अयोध्या। राम जन्मोत्सव के साथ धनिया की महत्ता भी विवेचित है। सामान्य तौर पर आटे की पंजीरी की परंपरा है, किंतु राम जन्मोत्सव के अवसर पर सूखी धनिया को पीस कर उसकी पंजीरी का प्रसाद वितरित किया जाता है। जगद्गुरु रामानुजाचार्य स्वामी रत्नेश प्रपन्नाचार्य के अनुसार इसमें राम जन्मोत्सव का आह्लाद और उसकी मिठास घुली है। प्रसव के उपरांत शिशु और मां के लिए औषधीय गुणों से युक्त धनिया की पंजीरी सोंठौरा की तरह विशेष लाभकारी मानी जाती है।

सवा बारह बजे अभिषेक होगा

सूर्य किरणों से रामलला का अभिषेक करने की तैयारी पूर्ण हो गई है। कई बार के ट्रायल के बाद इस तैयारी को अंतिम रूप दिया गया। 17 अप्रैल को दोपहर सवा बारह बजे अभिषेक होगा। मंदिर व्यवस्था से जुड़े लोग इसे विज्ञान और अध्यात्म का समन्वय मानते हैं। सूर्य तिलक के समय लगभग पांच मिनट रामलला के माथे पर 75 मिलीमीटर टीके के रूप सूर्यदेव शोभित होंगे।

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सेंट्रल बिल्डिंग रिसर्च संस्थान रुड़की के वैज्ञानिकों ने सूर्य तिलक की व्यवस्था पूर्ण की। सूर्य रश्मियों को रामलला के ललाट तक पहुंचाने में कहीं भी बिजली का प्रयोग नहीं किया गया है। आप्टोमैकेनिकल सिस्टम के तहत उच्च गुणवत्ता वाले दर्पण और लेंस के साथ पीतल की वर्टिकल पाइपिंग की व्यवस्था है। 

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