अब घरेलू हिसा रोकने में मदद करेंगी आशा दीदी
जागरण संवाददाता औरैया आशा कार्यकर्ताओं की पहुंच घर-घर होती है। वह जानती है कि ग
जागरण संवाददाता, औरैया: आशा कार्यकर्ताओं की पहुंच घर-घर होती है। वह जानती है कि गांव में किस घर में महिला घरेलू हिसा का शिकार हो रही है। इसको रोकने के लिए अब आशा कार्यकर्ताओं को स्वास्थ्य विभाग की ओर से प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इसके लिए गृह आधारित नवजात शिशु की देखभाल (एचबीएनसी) के अर्न्तगत आशाओं और आशा संगनी को मलेरिया स्लाइड, घरेलू हिसा, जेंडर के विषय में प्रशिक्षित किया जा रहा है।
डीसीपीएम अजय ने बताया कि जिले में अब तक आशा कार्यकर्ता महिलाओं, पुरुषों, नवजात, किशोर व किशोरियों को बीमारियों से बचाव के लिए जागरूक करती हैं। लेकिन अब उनको नई जिम्मेदारी दी जा रही है। जिले में 1151 आशा कार्यकर्ता कार्यरत हैं। आशा महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता ग्रामीण क्षेत्रों में घरेलू हिसा रोकने में महिलाओं की मदद करेंगी। महिलाओं को मानसिक रूप से प्रताड़ित करने, अनावश्यक कार्य के लिए दबाव बनाने, मजदूरी करने के लिए उनसे मारपीट करने जैसी हिसा आम समस्या है। शारीरिक व मानसिक हिसा की सूचना मिलने पर आशा दीदी परिवार में सुलह कराएंगी। अगर किसी तरह की आपराधिक घटना हुई तो वह स्थानीय थाना के साथ जिला प्रशासन को भी सूचना देंगी। नेशनल हेल्थ रिसोर्स सेंटर की इस योजना को जिले में लागू किया जा रहा है। इससे महिला हिसा पर नियंत्रण की कोशिश की जाएगी। प्रत्येक बैच में कुल 30 आशाओं सहित आशा संगिनियों को भी प्रशिक्षित किया जा रहा है। अछल्दा में सात सितम्बर से चल रहे प्रशिक्षण में बताया गया कि आशा कार्यकर्ताओं का कार्य क्षेत्र गांव है। इससे प्राथमिक स्तर पर महिलाओं को होने वाली परेशानी का बेहतर ढंग से पता चल जाएगा। समय रहते सही जगह पर सूचना पहुंच जाने से समस्याओं के समाधान में मदद मिलेगी।