किसानों ने अवशेष जलाया तो जाना होगा जेल

जागरण संवाददाता, औरैया: धान की फसल को कटवाने के बाद किसान उसे जला देते हैं प्रदूषित हो

By JagranEdited By: Publish:Thu, 20 Sep 2018 06:00 PM (IST) Updated:Thu, 20 Sep 2018 06:00 PM (IST)
किसानों ने अवशेष जलाया तो जाना होगा जेल
किसानों ने अवशेष जलाया तो जाना होगा जेल

जागरण संवाददाता, औरैया: धान की फसल को कटवाने के बाद किसान उसे जला देते हैं प्रदूषित हो रहे पर्यावरण को लेकर प्रशासन सख्त नजर आ रहा है। अब अवशेष जलाने पर किसानों को जेल तक की हवा खानी पड़ सकती है। लोगों को जानकारी देने के लिए इससे संबंधित गुरुवार को कई विकास खंडों बैठकों का भी आयोजन किया गया।

इस गंभीर मामले को लेकर जिले भर में लगातार विभाग के द्वारा बैठक कर किसानों को समझाया जा रहा है कि वह खेतों के बचे अवशेषों को न जलाएं। दरअसल पिछले वर्ष ही शासन द्वारा अवशेष न जलाए जाने को लेकर सख्त रुख अपनाया गया था। बावजूद इसके किसानों ने मामले को गंभीरता से न लेते हुए खेत पर ही अवशेषों को जलाते रहे। इस बार शासन से लेकर जिला प्रशासन सहित संबंधित विभाग मामले को लेकर सख्त दिख रहा है और लगातार बैठक कर किसानों को चेतावनी दी जा रही है। इस बार अगर अवशेष जले तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी। 15 हजार तक का लग सकता है जुर्माना

विभाग की मानें तो हरित प्राधिकरण इस मामले को लेकर बेहद सख्त रुख अपनाए हुए है। प्राधिकरण द्वारा सरकारों को मामले में गंभीर होने के लिए कहा गया है। शासन द्वारा मामले को लेकर सख्त रुख अपनाया गया है। विभाग की मानें तो दो एकड़ में अवशेष जलाने पर किसान पर ढाई हजार, तीन से पांच एकड़ में अवशेष जलाने पर पांच हजार, उससे ऊपर अवशेष जलाने पर 15 हजार का जुर्माना लगेगा। वहीं जुर्माने के बाद भी अगर किसान ने अवशेष जलाया तो उसे जेल की हवा खानी पड़ेगी। मशीनों पर भी होगी कार्रवाई

धान की फसल के समय कंबाइन हार्वेस्टर मशीनों की मानों बाढ़ सी आ जाती है। यह मशीन फसल के ऊपरी हिस्से को काटकर अवशेष छोड़ देती है। अब ऐसी मशीनों पर भी एआरटीओ व पुलिस के माध्यम से कार्रवाई की जाएगी। अधिकारियों की मानें तो मशीनों में सुपर इंस्ट्रा मैनेजमेंट सिस्टम लगा होना चाहिए। इस सिस्टम से खेत पर अवशेष नहीं बचते हैं। क्या कहते हैं जिम्मेदार

उक्त गंभीर मामले को लेकर विभाग लगातार काम कर रहा है। अवशेष को लेकर विभाग द्वारा लगातार किसानों के साथ बैठक कर उन्हें मामले से अवगत कराया जा रहा है। उम्मीद है कि इस कड़े कानून के बाद किसान ऐसा नहीं करेंगे। विजय कुमार, जिला उप कृषि निदेशक

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