बिना सलाह के फसल में न करें कीटनाशक का प्रयोग

जागरण संवाददाता, औरैया: किसानों की समस्याओं को लेकर विभाग लगातार प्रयास कर रहा है। कि

By JagranEdited By: Publish:Wed, 24 Oct 2018 11:40 PM (IST) Updated:Wed, 24 Oct 2018 11:40 PM (IST)
बिना सलाह के फसल में न करें कीटनाशक का प्रयोग
बिना सलाह के फसल में न करें कीटनाशक का प्रयोग

जागरण संवाददाता, औरैया: किसानों की समस्याओं को लेकर विभाग लगातार प्रयास कर रहा है। किसान के खेत में जो भी समस्या हो वह विभाग के अधिकारी की बिना सलाह लिए कोई भी कदम न उठाएं। बुधवार को जागरण कार्यालय में आयोजित प्रश्न प्रहर में आए कृषि उप निदेशक विजय कुमार ने जिले भर से किसानों द्वारा पूछे गए सवालों का विस्तार से जवाब दिया। उन्होंने बताया कि किसान की फसल में रोग लगने के बाद वह बिना कृषि अधिकारी की सलाह लिए रसायन का प्रयोग न करें। उससे फसल बर्बाद हो सकती है। वहीं सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं को किसानों तक पहुंचाने के लिए विभाग लगातार प्रयास कर रहा है। सवाल - लाही की फसल में कीड़े लगने से हो रहे नुकसान से बचाने को क्या करें।- रूप किशोर, सहायल

जवाब- तिलहन की फसल में पांच से छह प्रकार के कीड़े लगते हैं। कीड़े से प्रभावित दो या तीन पौधे नजदीकी कृषि रक्षा अधिकारी के पास लेकर जाएं जहां वह रोग को स्पष्ट कर देंगे। इसके बाद ही अधिकारी द्वारा बताए गए कीटनाशक का ही खेतों में प्रयोग करें। इसके अलावा अगर फसल में कम कीड़े हैं तो रसायन का प्रयोग न करें।

सवाल - सोलर पंप लगवाने के लिए क्या करना चाहिए। - गौरव अवस्थी, भरखा सहायल

जवाब - इसके लिए सबसे पहले किसान को आनलाइन रजिस्ट्रेशन कृषि विभाग के पोर्टल पर कराना जरूरी है। इसके बाद विभाग की ओर से पहले आओ, पहले पाओ के तहत चयन पत्र दिया जाएगा। इसके बाद अन्य प्रक्रिया विभाग की ओर से की जाएंगी। सवाल - ऊसर खेत को कैसे सही किया जा सकता है। - मनोज कुमार, सहार

जवाब - सबसे पहले प्रावधिक सहायक से मिलकर खेत की मिट्टी की जांच जरूर कराएं। जांच में ऊसर के तत्व स्पष्ट होने के बाद विशेषज्ञों की सलाह पर उचित रसायन का प्रयोग करें। वैसे ऊसर में किसान भाई धान के पुवाल का प्रयोग कर सकते हैं। हरी खाद इस्तेमाल करने से ऊसर की जमीन के कार्बनिक अंश की पूर्ति होती है। ऊसर के खेत में जिप्सम का प्रयोग करें। सवाल- प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में आवेदन करने के बावजूद क्षतिपूर्ति नहीं मिली है।- शैलेन्द्र कुमार ¨सह, सोनी बिधूना

जवाब- जिले में 2680 किसानों को 27 लाख की क्षतिपूर्ति दी जा चुकी है। जिन किसानों की अभी तक क्षतिपूर्ति नहीं हो सकी है। उनकी प्रक्रिया चल रही है। हफ्ते भर में उनकी होने की संभावना है। सवाल- खेत में खड़ी धान की फसल सूखने से बचाने को क्या करें।- हरि शंकर सैनी, बेला

जवाब- जल्द ही टीम को भेजकर फसल की जांच कराई जाएगी। इसके अलावा ज्यादा दिक्कत होने पर नजदीकी कृषि रक्षा केंद्र पर फसल की बाली ले जाकर अधिकारी को दिखाएं। उनकी उचित सलाह के अनुसार ही रसायन का प्रयोग करें।

सवाल- यूकेलिप्टस के पेड़ लगाए थे लेकिन नहीं बढ़ रहे हैं।- दिवांश मिश्र, बेला

जवाब- आपने कम गहरे गड्ढों में पौधे लगाएं है। जिसकी वजह से पेड़ नहीं बढ़ पा रहे हैं। लगाने से पहले दो पेड़ों के बीच एक मीटर की दूरी होना चाहिए। खेत में कमजोर पेड़ों को हटा दीजिए। जिससे मजबूत पेड़ों में अच्छी वृद्धि होगी। इसमें पेड़ों के बीच की दूरी तीन फीट रखनी चाहिए थी।

इसके अलावा सहायल के हीरा ¨सह, मुकेश, नितिन, भरखा के बबलू ¨सह, सिखू के रमेश ¨सह भदौरिया, अटसू के आत्माराम राजपूत व रज्जापुर बेला के राहुल यादव आदि ने भी फोन पर सवाल करके अपनी समस्याएं बताईं। जिनके उन्हें संतोष जनक जवाब भी दिए गए।

इनसेट

वाट्सएप पर फोटो भेजकर समस्या का करा सकते समाधान

इस समय किसानों के खेत में रोग लगने की शिकायतें आ रही हैं। जिससे उन्हे खासा परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। समस्याओं को देखते हुए विभाग द्वारा सहभागी फसल निगरानी एवं निदान प्रणाली के तहत वाट्सएप नंबर 9452247111, 9452257111 जारी किए गये हैं। इस पर किसान अपनी खेत में रोग लगने के बाद ,खेत की फोटो खींचकर विभाग को भेज सकता है। जिस पर उनकी समस्या का समाधान किया जाएगा।

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