शोभन आश्रम के वार्षिकोत्सव में रामलीला देख भक्त हुए भाव विभोर

संवाद सूत्र शिवली शोभन आश्रम के वार्षिकोत्सव के पांचवें दिन सोमवार को भक्तों की भीड़ जुटी अ

By JagranEdited By: Publish:Tue, 12 Jan 2021 12:31 AM (IST) Updated:Tue, 12 Jan 2021 12:31 AM (IST)
शोभन आश्रम के वार्षिकोत्सव में रामलीला देख भक्त हुए भाव विभोर
शोभन आश्रम के वार्षिकोत्सव में रामलीला देख भक्त हुए भाव विभोर

संवाद सूत्र, शिवली : शोभन आश्रम के वार्षिकोत्सव के पांचवें दिन सोमवार को भक्तों की भीड़ जुटी और यज्ञशाला की परिक्रमा कर आशीर्वाद लिया। रामलीला के मंचन में सूर्पणखा की नाक जैसे ही लक्ष्मण ने काटी जयश्रीराम के जयकारे गूंज उठे। रामलीला में खर-दूषण वध, सीता हरण, जटायु उद्धार, सुग्रीव मित्रता, बालि वध , सीता खोज व लंका दहन की लीलाओं का मंचन किया। वार्षिकोत्सव के पांचवें दिन सोमवार को कानपुर देहात जनपद के अलावा कानपुर नगर, उन्नाव, लखनऊ, फतेहपुर, हमीरपुर, चित्रकूट, महोबा, कन्नौज, फर्रूखाबाद, बरेली, रामपुर समेत कई जनपद के लोग जुटे। भारी संख्या में आए भक्तों ने विद्वान आचार्यों द्वारा की जा रही श्री सीताराम नाम जप यज्ञ की परिक्रमा कर अपना जीवन कृतार्थ किया। रामलीला के मंचन में सूर्पणखा पंचवटी में विराजमान प्रभु श्रीराम और लक्ष्मण के सौंदर्य पर इतना मोहित हो गई कि उनसे गंधर्व विवाह करने का प्रस्ताव रख देती है। इस बात से नाराज होकर लक्ष्मण जी सूर्पणखा की नाक काट देते हैं। क्रोधित होकर सूर्पणखा बदला लेने के लिए अपने भाई खर, दूषण और त्रिसिर को सेना सहित पंचवटी ले जाती है। जब प्रभु श्रीराम ने देखा कि ये राक्षस बहुत अधिक बलवान है और यह मायावी भी हैं तो उन्होंने ऐसा बाण चलाया कि जिसके प्रभाव से खर, दूषण व त्रिशिर को आपस में एक दूसरे के मुख मंडलों में भगवान श्रीराम का प्रतिविब नजर आने लगा और उन्होंने आपस में ही युद्ध कर एक - दूसरे का वध कर दिया। इसके बाद सूर्पणखा क्रोध की ज्वाला लिए अपने भाई लंका नरेश दशानन के पास गई और उसे पूरा वृतांत बता बदला लेने के लिए कहा। रावण ने अपने मामा मारीच को भेजा जो मृगरूप में मारा गया। इस बीच सीता का हरण रावण कर ले जाता है। इसके बाद हनुमान मिलन, बालिवध व लंका दहन का मंचन देख भक्त निहाल हुए। रामलीला में रामजी की भूमिका राकेश, लक्ष्मण की भूमिका हरिदर्शन , सीता की भूमिका कुलदीप, मारीच की भूमिका गोपाल अवस्थी, सूर्पणखा की भूमिका लल्लू व रावण की भूमिका रमन तिवारी ने निभाई। बाबा गोपालानंद, नगर पंचायत शिवली के पूर्व चेयरमैन लल्लन बाजपेयी, पप्पू सिंह, दीपू सिह, कल्लू सिंह, रामू बाबा, कल्लू बाबा, श्रीकांत त्रिवेदी, रमा शर्मा, राघवेंद्र शर्मा, पुष्पेंद्र यादव, गोपाल तिवारी, सतीश शुक्ला, अरविद द्विवेदी, विजय दीक्षित मौजूद रहे।

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