हत्या के मुकदमे की पैरवी पर हुई थी हत्या

By Edited By: Publish:Tue, 16 Sep 2014 01:05 AM (IST) Updated:Tue, 16 Sep 2014 01:05 AM (IST)
हत्या के मुकदमे की पैरवी पर हुई थी हत्या

अयाना (औरैया) संवाद सूत्र : गांव गंगदासपुर में 26 वर्षीय युवक की नृशंस हत्या की कहानी बीहड़ के दस्यु इतिहास से जुड़ी नजर आ रही है। करीब एक दशक पहले मृतक के पिता की हत्या इसीलिए कर दी गई थी कि वह डकैतों की मुखबिरी करता था। पिता की हत्या का मामला न्यायालय में चल रहा है और कुछ दिन पहले ही युवक ने आरोपियों के खिलाफ कोर्ट में गवाही दी थी। सूत्रों की मानें तो आरोपी युवक पर लगातार मुकदमे की पैरवी न करने का दबाव बना रहे थे। फिलहाल रविवार शाम हुई युवक की हत्या के मामले में दस के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है।

पूरे मामले की पृष्ठभूमि पर नजर डाले तो करीब डेढ दशक पहले बीहड़ी इलाके में डकैतों का कब्जा था। लालाराम श्रीराम, रज्जन गुर्जर, फक्कड़, फूलन देवी, कुसमा नाइन जैसे दस्यु सरगना बीहड़ की सनसनी बने हुए थे। बताया जाता है कि मृतक शिशुपाल के पिता वीरेन्द्र सिंह तब पुलिस के लिए डकैतों के खिलाफ मुखबरी करते थे। इसी के चलते करीब 12 वर्ष पूर्व वीरेन्द्र सिंह की हत्या कर दी गई थी। इस मामले में गंगदासपुर के ही शंकर व उसके भाई अरविंद समेत कुछ लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कराया था। शंकर को जमानत मिल गई थी जबकि अरविंद अभी भी जेल में है। हत्या के इस मामले की सुनवाई अभी भी कोर्ट में चल रही है। कुछ दिन पहले ही न्यायालय में पड़ी तारीख पर शिशुपाल ने हत्यारोपी अरविंद व शंकर के खिलाफ गवाही दी थी। जिसके बाद आरोपियों ने शिशुपाल पर मुकदमे की पैरवी न करने का दबाव बनाया। शिशुपाल किसी दबाव के सामने नहीं झुका तो हत्या का षड्यंत्र रच दिया गया और रविवार शाम गांव के ही निकट लाठी डंडा और कुल्हाड़ी से पीट-पीट कर उसकी निर्मम हत्या कर दी गई। मृतक के चाचा मान प्रताप सिंह ने अयाना थाना में गांव निवासी शंकर, मनोज, रनवीर, नरेन्द्र, राजू, भगवान सिंह, गब्बर सिंह, कल्लू समेत दस के खिलाफ हत्या का अभियोग पंजीकृत कराया है। बताया जाता है कि करीब दो वर्ष पहले भी शिशुपाल पर जानलेवा हमला हुआ था जिसमें हत्या के प्रयास का मुकदमा दर्ज कराया गया था। इधर सोमवार दोपहर शिशुपाल का शव पोस्टमार्टम के बाद गांव पहुंच गया। शव आते ही गांव में दर्द और तनाव का माहौल हो गया। देर शाम भारी संख्या में पुलिस की मौजूदगी में शव का अंतिम संस्कार यमुना तट पर किया गया। मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस अधीक्षक अखिलेश चौरसिया समेत जिले के तमाम आला अफसरों ने मौके पर जाकर मामले की जांच पड़ताल की। पुलिस अधीक्षक ने बताया कि आरोपियों की धरपकड़ के लिए कई टीमें गठित की गई हैं। जगह-जगह दबिश दी जा रही है आरोपी जल्द ही पकड़ लिए जाएंगे।

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