सीबीआई ने तलब किए मनरेगा से जुड़े अभिलेख

By Edited By: Publish:Sat, 23 Aug 2014 01:06 AM (IST) Updated:Sat, 23 Aug 2014 01:06 AM (IST)
सीबीआई ने तलब किए मनरेगा से जुड़े अभिलेख

औरैया, जागरण संवाददाता : महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार अधिनियम की पड़ताल कर रही सीबीआई ने सूबे के हर जनपद से मनरेगा से जुड़े अभिलेख तलब किए हैं। इस बाबत ग्राम्य विकास विभाग के आयुक्त का पत्र आते ही यहां खलबली मच गई है। निर्देश दिया गया है कि हरहाल में 25 अगस्त तक सभी अभिलेख उपलब्ध कराए जाएं। पूर्व में यहां हुए ट्री गार्ड घोटाले के चलते अधिकारियों के हाथ पांव फूले हुए हैं।

सीबीआई ने आयुक्त ग्राम्य विकास के माध्यम से वर्ष 2008-09 व 2009-10 में मनरेगा से हुए कार्यो का पूरा विवरण जिले से मांगा है। खास तौर से ग्राम पंचायत वार यह सूचना मांगी गई है कि कहां कितने काम प्रस्तावित किए गए, कितना धन दिया गया और कितने काम हुए हैं। निर्देश दिया गया है कि यह पूरा विवरण हर हाल में 25 अगस्त तक उपलब्ध करा दिया जाए। हाईकोर्ट के आदेश पर सभी जनपदों में हो रही जांच से वैसे भी खलबली है। ग्राम्य विकास विभाग के माध्यम से सीबीआई ने जो सूचनाएं मांगी है उससे भी अधिकारियों की चिंता बढ़ गई है। यहां बड़ा घालमेल 2008 का है। इस साल भाग्यनगर, अछल्दा व सहार की 171 ग्राम पंचायतों बड़ा ट्री गार्ड घोटाला हुआ था। प्रति ट्री गार्ड के लिए निर्धारित किया 20.600 किलो वजन के विपरीत अधिकतर ग्राम पंचायतों पांच से छह किलो वजन के लोहे के ट्री गार्ड लगा दिए गए जबकि स्टीमेट निर्धारित वजन का बनाया गया था और उसी अनुसार धनराशि भी निकाल ली गई। उस दौरान भी जागरण ने इस घोटाले का खुलासा किया था तत्कालीन जिलाधिकारी ने जांच बैठाई तब तकरीबन 55 ग्राम पंचायतों में रेण्डम जांच कराई गई और उन्हीं ग्राम पंचायतों से रिकवरी का आदेश जारी कर दिया गया। शेष ग्राम पंचायतों पर कोई ध्यान नहीं दिया गया चूंकि अधिकारियों के स्तर से ही ट्री गार्ड आपूर्ति के लिए कुछ संस्थाएं अधिकृत कर दी गई थी और दबाव बनाकर प्रधानों को उन्हें खरीदने के लिए मजबूर किया गया। कहीं अधिकारी न फंस जाए इस कारण सभी ग्राम पंचायतों पर हाथ डालने की जहमत नहीं उठाई गई। तकरीबन तीन दर्जन ग्राम पंचायतों से अब तक रिकवरी हो पाई है। कुछ तत्कालीन प्रधान कोर्ट चले गए जिससे उन ग्राम पंचायतों का मामला फंसा हुआ है। चूंकि अब जांच सीबीआई कर रही है और यह पूरा मामला खुलने का अंदेशा है। इस कारण अधिकारियों के हाथ पांव फूले हुए हैं। आयुक्त ग्राम्य विकास प्रभात मित्तल ने सीबीआई का हवाला देकर यहां भेजे पत्र में लिखा है कि सूचना देने में देरी न की जाए। स्थानीय स्तर पर सूचनाएं तैयार करने में अधिकारी, कर्मचारी जुटे हुए हैं। ग्राम्य विकास विभाग के परियोजना निदेशक अजय प्रकाश ने बताया कि जो अभिलेख मांगे गए हैं उन्हें तैयार किया जा रहा है। निर्धारित समय पर प्रेषण कर दिया जाएगा।

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