जिदगी दांव पर लगी, फिर भी नहीं डिगे कदम
अमरोहा रहस्यमयी बीमारी कोरोना ने अमरोहा में दस्तक दी तो चिकित्सक भी इससे निपटने के तौर तरीके नहीं जानते थे।
अमरोहा : रहस्यमयी बीमारी कोरोना ने अमरोहा में दस्तक दी तो चिकित्सक भी इससे निपटने के तौर तरीकों से अनभिज्ञ थे। ऐसे में मरीजों के नमूने से लेकर इलाज तक की जिम्मेदारी संभालना किसी चुनौती से कम नहीं था। जिला चिकित्सालय में तैनात एपिडेमोलिस्ट डॉ. जावेद सिद्दीकी इन परिस्थितियों में डरे न उनके कदम डिगे। पहले दिन से लेकर कोरोना के चरम तक उन्होंने ही मरीजों के नमूने लिए। बाद में खुद कोरोना की चपेट में आ गए। मुरादाबाद में इलाज के बाद डाक्टरों ने जवाब तक दे दिया। जिला प्रशासन ने उन्हें दिल्ली पहुंचाया। वहां भी जिदगी की जंग लड़ते रहे। दवाओं और दुवाओं ने काम किया। वह स्वस्थ होकर वापस लौटे और फिर से कोरोना मरीजों के बीच डट गए।
सीएमओ कार्यालय से संबद्ध डॉ. जावेद सिद्दीकी अपनी टीम के साथ शुरू से ही कोरोना से लोगों की सुरक्षा के लिए योद्धा की तरह मैदान में डटे रहे। कोरोना नमूने के लिए दिशा निर्देश देना, रोजाना संक्रमितों की मॉनिटरिग कर उन्हें इलाज के लिए भर्ती कराना और समय-समय पर स्वास्थ्य कर्मियों की टीमों को ट्रेनिग देने की जिम्मेदारी भी उन पर थी। इतना ही नहीं देश-विदेश से आने वाले यात्रियों की ट्रेसिग भी करते थे। लोगों की कोरोना से सुरक्षा करते-करते वह खुद जुलाई में खुद संक्रमित हो गए। हालत गंभीर होने पर उन्हें इलाज के लिए मुरादाबाद के निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया, लेकिन हालत बिगड़ती गई। अंत में चिकित्सकों ने भी जवाब दे दिया।
इसके बावजूद डॉ. जावेद ने हिम्मत नहीं हारी और स्वजनों को बराबर धैर्य बंधाते रहे। जिलाधिकारी उमेश मिश्र भी उनको लेकर चितित थे। हालत बिगड़ने पर उन्होंने दिल्ली के पुष्पा देवी सिधिया रिसर्च इंस्टीटयूट में बात कर वहीं रेफर करा दिया। यहां चिकित्सकों के बेहतर उपचार के बावजूद उनकी हालत सुधरने में एक माह लगा। आखिरकार कोरोना से जिदगी की जंग जीतकर वह वापस घर आ गए। 24 अगस्त को उन्होंने फिर अपना कार्यभार संभाल लिया। वह दोबारा कोरोना बचाव को लोगों की ढाल बनकर एक योद्धा की तरह मैदान में कूद पड़े और वह आज तक उसी जज्बे के साथ डटे हैं। उनके जज्बे को देखकर हर कोई उनकी हिम्मत की दाद दे रहा है।
दवा के साथ लोगों की दुआ भी काम आई
अमरोहा : कोरोना योद्धा डॉ. जावेद सिद्दीकी की हालत बिगड़ने पर स्वास्थ्य महकमे के साथ प्रशासन में भी खलबली मच गई थी। डॉ. जावेद ने बताया हायर सेंटर में भी हालत गंभीर होने पर जिलाधिकारी उमेश मिश्र ने शहर मुफ्ती से मिलकर ईद की नमाज के बाद मेरे लिए दुआ कराने की अपील की थी। उनकी और दोस्तों की दुआ की वजह से आज वह सही सलामत हैं।