37 परिषदीय विद्यालयों में आज तक नहीं बन सकी चहारदीवारी

अमेठी विकास के नाम पर लाखों रुपये पानी की तरह बहाने वाली ग्राम पंचायतों के परिषदीय विद्यालय

By JagranEdited By: Publish:Sun, 26 Jun 2022 11:15 PM (IST) Updated:Sun, 26 Jun 2022 11:15 PM (IST)
37 परिषदीय विद्यालयों में आज तक नहीं बन सकी चहारदीवारी
37 परिषदीय विद्यालयों में आज तक नहीं बन सकी चहारदीवारी

अमेठी : विकास के नाम पर लाखों रुपये पानी की तरह बहाने वाली ग्राम पंचायतों के परिषदीय विद्यालयों में आज तक चहारदीवारी का निर्माण नहीं हो सका है। इन स्कूलों में बाउंड्रीवाल निर्माण के लिए बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा बीडीओ से लगातार पत्राचार किया जा रहा है, लेकिन विकास विभाग भी कोई रुचि नहीं ले रहा। विकास क्षेत्र के 37 परिषदीय विद्यालयों में आज भी चहरदीवारी नहीं बनाई जा सकी है, जिसके चलते परिसरों में बेसहारा मवेशी टहल रहे हैं, जिससे कभी भी कोई अनहोनी हो सकती है।

यहां प्राथमिक विद्यालय दुल्हीनपुर, रामगंज, भागीपुर, राघवपुर, मरूई, सोनारी, खानापुर के साथ ही कंपोजिट विद्यालय बिजरा, सांगापुर, दंहियावा सहित 37 स्कूलों में चहरदीवारी का निर्माण नहीं कराया जा सका है। भागीपुर में कार्य प्रगति पर बताया जा रहा है, जबकि कुछ प्राथमिक विद्यालय चहारदीवारी निर्माणाधीन बताई जा रही हैं। इन विद्यालयों में चहारदीवारी न होने से यहां पर नामांकित बच्चे सड़क पर दौड़ते हुए निकलते हैं। स्कूलों में चहारदीवारी का निर्माण न होने से यह विद्यालय कायाकल्प योजना के उन्नीस पैरामीटर से संतृप्त नहीं हो पा रहे हैं। चारो तरफ गंदगी फैली हुई है। विद्यालयों का परिसर कूड़ा डंपिग ग्राउंड बना हुआ है। इन विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चों के साथ कभी भी कोई दुर्घटना हो सकती है, जिसे देखने वाला कोई नहीं है। इसके अलावा इन स्कूलों में किचन गार्डेन के साथ ही अन्य पौधे बेसहारा मवेशी चट कर जा रहे हैं। इस बाबत भादर खंड शिक्षा अधिकारी शिवकुमार यादव ने कहा कि इन स्कूलों में चहारदीवारी निर्माण के लिए बीडीओ को कई बार पत्र भी लिखा गया है, लेकिन वहां से कोई जवाब तक नहीं दिया गया। बीडीओ साबिर अनवर ने कहा कि मेरे यहां से सभी ग्राम पंचायतों को कहा गया है कि प्राथमिकता के तौर पर सबसे पहले परिषदीय विद्यालय में बाउंड्रीवाल का निर्माण कराया जाएं। इसके बाद ही अन्य कार्य कराए जाएं। 37 बाउंड्री के लिए शेष विद्यालयों में कुछ में काम शुरू करने के लिए मनरेगा वित्तीय प्रशासनिक स्वीकृति प्रदान की गई है। शीघ्र ही निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा।

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