पर्यटन स्थल के रूप में है गढ़ामाफी की पहचान

अमेठी : गौरीगंज विकास खंड की ग्राम पंचायत गढ़ामाफी जनपद में ही नहीं, आसपास के पड़ोसी ि

By JagranEdited By: Publish:Tue, 11 Sep 2018 12:56 AM (IST) Updated:Tue, 11 Sep 2018 12:56 AM (IST)
पर्यटन स्थल के रूप में है गढ़ामाफी की पहचान
पर्यटन स्थल के रूप में है गढ़ामाफी की पहचान

अमेठी : गौरीगंज विकास खंड की ग्राम पंचायत गढ़ामाफी जनपद में ही नहीं, आसपास के पड़ोसी जिलों में भी पर्यटन स्थल के रूप में पहचानी जाती है। यहां सवा 55 फुट की हनुमानजी की प्रतिमा के साथ ही भगवान विष्णु, लक्ष्मी, ब्रह्माजी व शिव-पार्वती की विशाल प्रतिमाएं स्थापित हैं। ये सभी चालीस एकड़ के घने जंगल में विकसित किया गया है। यहां प्रत्येक मंगलवार को मेले का आयोजन होता है। साथ ही लगभग 25 हजार श्रद्धालु भी यहां आते हैं।

जिला मुख्यालय से पांच किमी दूर स्थित गढ़ामाफी गांव कई नई पुरानी यादें समेटे हुए है। गांव के पास स्थित चालीस एकड़ के रकबे पर पुराने किले के अवशेष आज भी मौजूद हैं, जिसे पुरातत्व विभाग ने 1878 में अपने अभिलेख में दर्ज बताया है। ग्राम पंचायत में सदियों पुरानी दक्षिणी मुखी हनुमान की प्रतिमा भी इस बड़े जंगल में विराजमान है। सरकार की एक जिला एक पर्यटन स्थल की घोषणा से ग्रामीणों के मन में गांव को पर्यटन स्थल बनाए जाने की उम्मीद जगी है। ऐसे पड़ा नाम

अमेठी राज परिवार ने इस गढ़ा गांव की लगान को माफ कर दिया था। तब से गांव का नाम गढ़ा से गढ़ामाफी हो गया है। इसके अलावा तीन माफी वाले गांव टीकरमाफी, अमेयमाफी व धरई माफी भी है। इन पर है नाज

गढ़ामाफी ग्राम पंचायत को विकसित करने में स्व. अमर चंद कौशिक ने हम योगदान दिया है। वहीं, सत्य प्रकाश कौशिक ने यहां पर विशाल हनुमान प्रतिमा का निर्माण नौ जून 2009 को कराया है। धीरे-धीरे उन्होंने भगवान विष्णु, लक्ष्मी, ब्रम्हा, शिव पार्वती की प्रतिमाएं बनाकर इसे पर्यटकों के आर्कषण में ला दिया। सेना में तैनात शिव शंकर तिवारी एवं शिक्षक राम प्यारे यादव तथा व्यवसाई सिद्धार्थ चंद्र कौशिक पर ग्रामीणों को नाज है। आय के स्रोत

गढ़ामाफी ग्राम पंचायत में धान व गेहूं की फसल पैदा की जाती है। इसके अलावा हनुमान मंदिर के पास व्यवसाय आय का प्रमुख स्रोत है। गांव की प्रमुख प्रमुख समस्याएं

हाईवे से गांव तक पहुंचने के लिए ढाई किमी लंबी पक्की सड़क के जर्जर हो जाने से आवागमन में असुविधा होती है। स्वच्छ पेयजल के लिए पाइप लाइन व जल निकासी की व्यवस्था नहीं है। ये मिले तो बने बात

जूनियर हाई स्कूल, बरात घर, अंत्येष्टि स्थल के होने से ग्राम पंचायत के विकास में चार चांद लग जाएगा। ग्राम पंचायत की फैक्ट फाइल

ग्राम पंचायत में छह पुरवे हैं गढ़ामाफी, बंजारा, पूरे गोसाई, पूरे दुर्गा, लठहा व पूरे बोधई है। गांव पिछड़ी जाति बहुल है। दूसरे स्थान पर दलित समाज, तीसरे पर अल्प संख्यक व फिर सामान्य जाति की आबादी है। गांव में संसाधनों की स्थिति

तालाब : 07, इंडिया मार्का हैंडपंप : 35, कुआं : 25, मंदिर : 04, प्राथमिक स्कूल : 03, आंगनबाड़ी केंद्र : 01, एएनएम सेंटर : 01, पंचायत भवन : 01 सांसद निधि से निर्मित सामुदायिक भवन निर्माणाधीन, पोस्ट आफिस की दूरी 04, थाना की दूरी 07 किमी, साक्षरता : 35 प्रतिशत, कुल आबादी : 1563, पुरुष : 805, महिला : 758, कुल मतदाता : 1099। ग्राम पंचायत का चहुंमुखी विकास कराया गया है। पेयजल से लेकर संपर्क मार्ग व अन्य सुविधाएं मुहैया कराई गई हैं।

-महीपचंद कौशिक, पूर्व ग्राम प्रधान, गढ़ामाफी गांव का समग्र विकास कराने के लिए प्रयास किया जा रहा है। गांव में खुली बैठक कर लोगों से जरूरी सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए सलाह लेकर कार्य योजना तैयार की गई है।

-हीरा लाल कश्यप, ग्राम प्रधान, गढ़ामाफी

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