स्टाफ और संसाधनों की कमी से जूझ रहा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र

महिला चिकित्सक बाल रोग विशेषज्ञ सर्जन व स्टाफ नर्स का पद कई वर्षो से रिक्त।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 06 Jun 2021 11:34 PM (IST) Updated:Sun, 06 Jun 2021 11:34 PM (IST)
स्टाफ और संसाधनों की कमी से जूझ रहा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र
स्टाफ और संसाधनों की कमी से जूझ रहा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र

रामशिरोमणि त्रिपाठी, मुसाफिरखाना (अमेठी)

सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर महिला चिकित्सक, बाल रोग विशेषज्ञ, सर्जन, एनेस्थीसिया विशेषज्ञ, रेडियोलॉजिस्ट, नेत्र परीक्षक के साथ ही स्टाफ नर्स का पद विगत कई वर्षो से रिक्त है। ऐसे में ग्रामीणों को स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है। केंद्र पर संसाधनों की कमी से उच्चाधिकारियों को अवगत कराया जा चुका है। लेकिन, व्यवस्था में कोई सुधार नहीं हुआ है। महिला चिकित्सक की मांग को लेकर सपा जिलाध्यक्ष तहसील कार्यालय पर दो बार धरना दे चुके हैं।

एक ओर सरकार अस्पतालों के रखरखाव पर लाखों-करोड़ों रुपये पानी की तरह बहा रही है। वहीं, सीएचसी तक आने-जाने के लिए एक अदद मार्ग तक नहीं है। वर्ष 2002 में स्थापित अस्पताल में मरीजों के पहुंचने के लिए सड़क तक नहीं है। गत माह सड़क निर्माण की मांग प्रमुख सचिव स्वास्थ्य से निरीक्षण के समय ग्रामीणों ने की थी, मगर सुनवाई नहीं हुई। मरीजों को आज भी कीचड़ भरे मार्ग से गुजरना पड़ता है। वहीं, हल्की बारिश में अस्पताल परिसर तालाब की शक्ल ले लेता है।

पानी की टंकी से जलापूर्ति बाधित :

पानी पीने के लिए टंकी बीते कई वर्षों से ठप है। परिसर में जलभराव के चलते झाड़-झंखाड़ उग आए हैं। परिसर में जगह-जगह पाइप लाइन क्षतिग्रस्त होने से पानी की आपूर्ति विगत कई वर्षों से बाधित है। लेवल टू आवास जर्जर होने से गिरने के कगार पर हैं। कहने को तो तीन हैंडपंप स्थापित हैं, लेकिन पानी किसी का भी पीने लायक नहीं है। पूर्व दिशा की चहारदीवारी टूटी होने से पशु परिसर में घुसकर गंदगी फैलाते हैं। मुख्य गेट पर कई अवैध कब्जेदारों ने अतिक्रमण कर लिया है। शिकायत के बाद भी प्रशासन ने कब्जेदारों को नहीं हटाया है। वहीं, आशा बहुओं को प्रशिक्षण देने के लिए मीटिग हाल की व्यवस्था नहीं होने से चिकित्सक आवास पर मीटिग बुलाई जाती है।

कबाड़ में तब्दील अस्पताल वाहन :

विभाग की मानें तो विगत कई वर्षो से अस्पताल वाहन ओपीडी कक्ष के पीछे खड़ा कर दिया गया है, जो कि कबाड़ में तब्दील हो चुका है। सरकारी वाहन चालक को भी कहीं अन्यत्र भेज दिया गया है।

बोले जिम्मेदार :

सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अधीक्षक डॉ. आलोक मिश्रा ने बताया कि केंद्र पर मार्ग व पेयजल समस्या के साथ ही स्टाफ बढ़ाने की मांग की गई है। लेकिन, अभी स्टाफ की बढ़ोतरी नहीं हुई है और न ही संसाधन दुरुस्त किए गए हैं।

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