सरकारी महकमे ही निकाल रहे सफाई अभियान की हवा
अंबेडकरनगर : रेलवे स्टेशन पर चार कर्मियों के भरोसे तो बस स्टेशन पर दो कर्मियों के भरोसे सफाई का जिम्
अंबेडकरनगर : रेलवे स्टेशन पर चार कर्मियों के भरोसे तो बस स्टेशन पर दो कर्मियों के भरोसे सफाई का जिम्मा है। दोनों ही स्थानों पर कूड़ा निस्तारण की कोई व्यवस्था नहीं है। बस स्टेशन में जहां परिसर गंदगी से भरा होने के साथ कूडे़दान नहीं दिखता है। वहीं रेलवे स्टेशन परिसर में गंदगी के साथ रखे कूड़ादान भर जाने पर नहीं बदले जाते हैं। ऐसे में यहां स्वच्छता अभियान हवा हवाई साबित हो रहा है।
जिला मुख्यालय स्थित अकबरपुर बस स्टेशन परिसर में गंदगी से पटा है। परिसर में जलभराव भी रहता है। आलम यह है कि स्टेशन के सामने खुला नाला दुर्गध व गंदगी का पर्याय बना है। बस स्टेशन की सफाई की व्यवस्था ठेके पर है। कहने को दो कर्मचारी रोज सफाई करते हैं, लेकिन परिसर में फैली गंदगी सफाई व्यवस्था की पोल खोलने के लिए काफी है। परिसर में एक भी कूड़ादान नहीं है। ऐसे में यात्रियों द्वारा कूड़ा परिसर में ही फेंक दिया जाता है। यही हाल रेलवे स्टेशन परिसर का है। यहां प्लेटफार्म से लेकर परिसर के अंदर तक गंदगी बिखरी पड़ी है। स्टेशन पर कूड़ादान जरूर रखे गए हैं, लेकिन इनमें कूड़ा भर जाने पर हटाया नहीं जाता है। यात्री खाने-पीने की वस्तुओं से निकलने वाले अवशेष को परिसर में फेंक देते हैं। सफाई कर्मी कूडे़ को उठाकर परिसर के बगल डालकर अपने दायित्वों का निर्वहन कर लेते हैं। ऐसे में सरकारी महकमें देश के प्रधानमंत्री के सफाई अभियान के संदेश से कुछ सीखने को तत्पर नहीं है।