इलाज तो छोड़िए, डॉक्टर ही नहीं मिलते

अंबेडकरनगर : शुक्रवार को ओपीडी कक्ष के सामने बैठे टांडा निवासी राम आसरे प्रजापि

By JagranEdited By: Publish:Fri, 11 Jan 2019 08:56 PM (IST) Updated:Fri, 11 Jan 2019 08:56 PM (IST)
इलाज तो छोड़िए, डॉक्टर ही नहीं मिलते
इलाज तो छोड़िए, डॉक्टर ही नहीं मिलते

अंबेडकरनगर : शुक्रवार को ओपीडी कक्ष के सामने बैठे टांडा निवासी राम आसरे प्रजापति कहते हैं कि साहब दो दिन से इस ठंड में 10 बजे आता हूं, लेकिन यहां कान के डॉक्टर नहीं मिल रहे हैं। दोपहर तक इंतजार करने के बाद वापस जा रहा हूं। लगता है कि अब प्राइवेट अस्पताल में दिखाना पड़ेगा। जिला चिकित्सालय में चिकित्सकों की गैरमौजूदगी मरीजों पर भारी पड़ रही है। रोजाना सैकड़ों मरीज इसी उम्मीद से चिकित्सालय आते हैं कि यहां बेहतर इलाज मिलेगा। हालांकि यहां तस्वीर पूरी तरह से उलट है। ओपीडी कक्ष में फिजीशियन और सर्जन नहीं मौजूद थे। यहां इकलौते सर्जन डॉ. विजय तिवारी ही मौजूद रहे। बढ़ती भीड़ व शिकायतों को सीएमएस डॉ. एसपी गौतम भी गंभीरता से नहीं लेते हैं। इससे मरीजों को परेशानी हो रही है।

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-स्टेचर नहीं मिला तो गोद में उठाया-

अंबेडकरनगर : चिकित्सालय की खराब व्यवस्था का अंदाजा इससे लगाया जाता है कि वार्ड में सहायक के रूप में कोई भी कर्मचारी नहीं मौजूद है। मरीज सूर्य नारायन का एक्स-रे कराने के लिए स्टेचर नहीं मिला तो उन्हें परिजन गोद में उठाकर ले जाने के लिए विवश होना पड़ा। जलालपुर निवासी सविता अपने बच्चें को इमरजेंसी वार्ड नंबर दो में भर्ती किया है। यहां पर उसको ग्लूकोज की बोतल टांगने के लिए स्टैंड नहीं दिया गया। विवश होकर एक हाथ में ग्लूकोज की बोतल को पकडे़ हुई है, तो दूसरे हाथ से अपने बच्चे को दुलरा रही है।

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-पेयजल के लिए भटक रहे तीमारदार

अंबेडकरनगर : चिकित्सालय के वार्डों एवं परिसर में पेयजल की किल्लत बनी हुई है। मरीजों को पानी पिलाने के लिए बाहर से पानी की बोतलें ले जाना पड़ रहा है। इमरजेंसी वार्ड के बाहर लगी वाटरकूलर तथा सरकारी हैंडपंप भी खराब पड़ा हुआ है। इससे महिला मरीजों व बच्चों को अधिक परेशानी झेलनी पड़ रही है।

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-निजी क्लीनिक बने मुसीबत-

अंबेडकरनगर : जिला चिकित्सालय में काम करने वाले लगभग सभी सर्जन, फिजीशियन, बालरोग विशेषज्ञ सहित अ्रन्य चिकित्सक भी अपना क्लीनिक चमकाने में जुटे हैं। वहीं जिनके पास खुद की क्लीनिक अभी तक बना है तो ऐसे चिकित्सक मेडिकल अवकाश लेकर दूसरे नर्सिंग होम पर बैठकर हाथ आजमा रहे हैं।

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चिकित्सकों के अवकाश लेने के बाद मरीजों का इलाज करने में भारी समस्याएं होती है। जो चिकित्सक गैरहाजिर हो रहे हैं। उनके विरूद्ध विभागीय कार्रवाई की जाएगी। पेयजल की समुचित व्यवस्था है यदि हैंडपंप खराब है तो उसका मरम्मत जल्द कराया जाएगा।

डॉ. एसपी गौतम सीएमएस,

जिला चिकित्सालय,

अंबेडकरनगर

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