जनप्रतिनिधियों की उपेक्षा, प्रशासन भी बेसुध

भीटी (अंबेडकरनगर) : क्षेत्र के बाला पैकोली गांव के पौराणिक महत्व वाला तालाब अमोघ कुंड अनदेखी का शि

By Edited By: Publish:Wed, 18 May 2016 10:55 PM (IST) Updated:Wed, 18 May 2016 10:55 PM (IST)
जनप्रतिनिधियों की उपेक्षा, प्रशासन भी बेसुध

भीटी (अंबेडकरनगर) : क्षेत्र के बाला पैकोली गांव के पौराणिक महत्व वाला तालाब अमोघ कुंड अनदेखी का शिकार है। यूं तो जीर्णोद्धार का प्रयास अस्सी के दशक से जारी है, लेकिन प्रयास में जिम्मेदारों द्वारा खास तवज्जों नहीं दी गयी। इसके मूल में सांसद, विधायक व मंत्री तथा प्रधान तक शामिल हैं। किसी ने सड़क, पौधरोपण तो किसी ने विद्युतीकरण तक का ही कार्य कराया है। वन विभाग भी कुछ खास कार्य यहां नहीं कर सका। जनप्रतिनिधियों की उपेक्षा से प्रशासन भी इसकी सुध लेना भूल गया। मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम के वनागमन के दौरान यहां प्रवास व उक्त तालाब में स्नान की ¨कदवंती से इसका पौराणिक महत्व बढ़ गया। जब तक प्रकृति मेहरबान रही, तब तक तालाब की रमणीयता एवं खूबसूरती पर चार चांद लगा रहा। धीरे-धीरे बरसात के पानी के साथ गांव व खेत की मिट्टी तालाब को पाटती रही और यह उथल होता गया। नतीजतन करीब सौ फिट गहरे इस तालाब की गहराई अब 10 से 15 फीट ही रह गई। साफ-सफाई श्रमदान से होती रही। गहराई की तरफ किसी ने ध्यान नहीं दिया। परिणाम रहा कि कभी न सूखने वाला यह तालाब सूख गया। गांव के सेवानिवृत्त शिक्षक गिरजा शंकर ¨सह ने नब्बे के दशक में सौंदर्यीकरण की दिशा में कदम बढ़ाया। तत्कालीन प्रदेश सरकार के मंत्री स्व. रवींद्रनाथ तिवारी के प्रयास से तालाब के किनारे बांध बनाया गया। पूर्व मंत्री अनिल तिवारी के प्रयास से किनारे मिट्टी पटाई कर कच्ची सड़क बनायी गई तथा यह सड़क पूर्व विधायक जयशंकर पांडेय के प्रयास से मंडी परिषद ने पिच करायी। वर्ष 1985 से 1990 तक ग्राम प्रधान रहे गिरजाशंकर ¨सह ने तालाब के उत्तरी भीट पर हजारों पौध लगवाए, लेकिन दर्जनों ही बचे रह सके। इसके बाद दिनेश ¨सह पांच वर्ष, जयकला देवी 10 वर्ष, राजकुमार ¨सह पांच वर्ष प्रधान रहे, लेकिन किसी ने तालाब की तरफ ध्यान नहीं दिया। वर्तमान ग्राम प्रधान श्रीपती के पति रामकुबेर ने तालाब के किनारे स्थित बुढ़यिा माता के प्राचीन मंदिर के समक्ष घाट व सीढि़यों का निर्माण कराया। अज्ञानता के चलते या किसी और कारणों से प्रशासन ने भी इस पर ध्यान नहीं दिया। प्रशासन द्वारा राजस्व आय बढ़ाने के लिए मत्स्य पालन के लिए पट्टे की कार्रवाई का प्रयास किया, लेकिन ग्रामीणों के विरोध के चलते नहीं हो सका। तालाब के सूखने से शासन के भूजल संरक्षण के अभियान को झटका लगा। कमल के फूल गायब हुए तो सौंदर्य मिट गया।

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दब गई फाइल-भीटी : पूर्व प्रधान गिरजाशंकर ¨सह ने बताया कि तालाब को पर्यटन स्थल बनाने की दिशा में पूर्व मंत्री स्व. रवींद्रनाथ तिवारी, अनिल तिवारी, पूर्व विधायक जयशंकर पांडेय ने आश्वासन दिया था। फाइल भी दौड़ी थी, लेकिन सत्ता परिवर्तन के चलते फाइल दब गई। सांसद व जिलाधिकारी को प्रस्ताव देकर प्रयास किया जा रहा है। पौधरोपण के लिए वन विभाग को प्रस्ताव दिया गया।

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पर्यटन स्थल के रूप में हो विकास-भीटी : पौराणिक महत्व वाले इस तालाब की पहली आवश्यकता इसकी खोदाई कराने, चारों तरफ भीट सुरक्षित करने की है ताकि जल का ठहराव हो। सौंदर्यीकरण के लिए चारों तरफ पौधरोपण व खंभा तथा सोलर लाइट लगाकर प्रकाश व्यवस्था हो तथा पानी भरवाया जाय। शासन संज्ञान लेकर इसे पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करे।

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बैठक में लाया जाएगा प्रस्ताव-भीटी : ब्लॉक प्रमुख शिवप्रसाद यादव ने बताया कि क्षेत्र पंचायत की बैठक में प्रस्ताव लेकर मनरेगा के तहत जीर्णोद्धार तथा सौंदर्यीकरण कराया जाएगा।

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पौराणिक स्थलों का जीर्णोद्वार केंद्र सरकार की प्राथमिकता में है। इसक्रम में संसदीय क्षेत्र के उक्त सभी स्थलों का प्रस्ताव मेरे स्तर से दिया गया है। अमोघ कुंड तालाब को पर्यटक स्थल के रूप में विकसित करने के लिए पर्यटन मंत्रालय को प्रस्ताव दिया जाएगा।

डॉ. हरिओम पांडेय

सांसद

लोकसभा क्षेत्र, अंबेडकरनगर

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तालाबों का वजूद बचाने व भूजल संरक्षण के लिए सर्वोच्च न्यायालय व शासन के आदेशों, निर्देशों का पालन किया जा रहा है। इसक्रम में कई तालाबों को अतिक्रमण मुक्त कराया गया है। सौंदर्यीकरण, खोदाई आदि के लिए बजट विकास विभाग के पास आता है। बीडीओ को आवश्यक निर्देश जारी किया गया है। अमोघ कुंड की पौराणिकता को देखते हुए मत्स्य पालन के पट्टे को वापस लिया गया है।

एसपी ¨सह

एसडीएम, भीटी

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