सूख गई जीवनदायिनी की कोख

अंबेडकरनगर : मनुष्यों व मवेशियों को जल प्रदान करने वाली जीवनदायिनी के हलक भी सूख चुके हैं। ऐसे में न

By Edited By: Publish:Wed, 06 May 2015 11:59 PM (IST) Updated:Wed, 06 May 2015 11:59 PM (IST)
सूख गई जीवनदायिनी की कोख

अंबेडकरनगर : मनुष्यों व मवेशियों को जल प्रदान करने वाली जीवनदायिनी के हलक भी सूख चुके हैं। ऐसे में नदी के सूखे भाग में बच्चे कहीं गिल्ली-डंडा तो कहीं कबड्डी खेल रहे। नदी की कोख सूखी होने का असर कुंओं व हैंडपंपों पर भी पड़ने लगा। यह स्थिति भविष्य में जल संकट की आहट है। इसके बावजूद न तो सरकारी मशीनरी और न ही जनप्रतिनिधि ही चेत रहे हैं।

भीटी तहसील क्षेत्र में मड़हा, बिसुही, मझुई आदि तीन नदियां प्रवाहित होती हैं। मड़हा-बिसुही नदियों के संगम से तमसा नदी का उद्भव हुआ है। जिला मुख्यालय इसी नदी के दोनों किनारे पर स्थित है। इस नदी के किनारे कई अंत्येष्टि व धार्मिक स्थल हैं। यहां अंतिम संस्कार व धार्मिक कार्यक्रम भी होते रहते हैं। इसके अलावा यह नदियां बड़े भू-भाग की ¨सचाई का साधन भी रहीं। लेकिन इनके संरक्षण को लेकर बेफिक्री ने नदियों के वजूद को ही संकट में ला दिया है। बिसुही नदी की बात करें तो यह वर्तमान में सूख चुकी है। इसकी स्थिति नाले से भी बदतर हो चुकी है। भीटी तहसील क्षेत्र में इस नदी का वजूद नाममात्र रह गया है। ऐसे में इसके तारणहार की जरूरत है जो फिलहाल दिख नहीं रहा।

--जलस्त्रोतों की स्थिति भी डांवाडोल भीटी तहसील की बात करें 79 ग्राम पंचायतों में मनरेगा के तहत 85 आदर्श जलाशय करोड़ों की लागत से बनाए गए हैं। करीब पांच हजार इंडिया मार्का-टू हैंडपंप व 12 हजार देशी हैंडपंप हैं। 200 के करीब राजकीय नलकूप हैं। जबकि दरवन सहित दो झीलें हैं। लगभग 300 तालाब व दर्जनों नाले हैं। नदियां, तालाब, आदर्श जलाशय, नाले, एक झील सूख चुकी है। दरवन झील में पानी है। भीटी दक्षिणी क्षेत्र के हैंडपंपों ने या तो पानी देना बंद कर दिया है या दूषित जल डाल रहे हैं। राजकीय नलकूप 80 फीसद बंद पड़े हैं। ऐसे में पेयजल का संकट स्वाभाविक है। वहीं ¨सचाई के अभाव में हरे चारे, मेंथा, गन्ना, सब्जियों की फसले सूख रही हैं। तहसील क्षेत्र में करीब डेढ़ हजार इंडिया मार्का-टू हैंडपंप किसी न किसी खराबी के चलते बंद हैं। जिसमें 150 तो रि-बोर की स्थिति में हैं और इसकी सूचना ग्रामीणों द्वारा विभागीय अधिकारियों को दी जा चुकी है, लेकिन विभाग लापरवाह बना हुआ है। तालाबों में पानी भरवाने के लिए कोई पहल नहीं की जा रही है।

कराया जा रहा सर्वे

भीटी के खंड विकास अधिकारी डॉ. घनश्याम तिवारी का कहना है कि मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की पहल पर जल संरक्षण के तहत लेखपालों व ग्राम पंचायत अधिकारियों की टीम बनाकर तालाबों, झीलों का सर्वे कराया जा रहा है। रिपोर्ट शासन को दी जाएगी। वहां से प्राप्त दिशा निर्देशों के अनुरूप कार्य किया जाएगा। तालाबों में पानी भरवाने के लिए कोई निर्देश प्राप्त नहीं हुआ है।

दूर की जा रही खराबी

जल निगम के अधिशासी अभियंता अनिल चंद्रा का कहना है कि जिले में 27 हजार व भीटी में पांच हजार के करीब इंडिया मार्का-टू हैंडपंप हैं। मामूली खराबी की मरम्मत डीपीआरओ के स्तर से होनी है। विभाग रि-बोर या नए हैंडपंप लगाता है। जैसे-जैसे सूचना मिल रही है, रि-बोर के लिए उनका सर्वे कराया जा रहा है। रिपोर्ट मिलते ही समस्या दूर कर दी जाएगी।

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