प्रतापगढ़ में ऑनलाइन होगा वैट के वादों का निस्तारण, इस निर्णय के पीछे यह है कारण

प्रतापगढ़ के वाणिज्‍य कर विभाग दो खंडों में बंटा है। दोनों खंडों में मिलाकर करीब डेढ़ हजार वाद वैट से संबंधित लंबित है। कोरोना के चलते इसका निस्तारण नहीं हो पा रहा है। कोरोना वायरस संक्रमण को देखते हुए वैट वादों का ऑनलाइन निपटारा होगा।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Publish:Wed, 23 Sep 2020 03:12 PM (IST) Updated:Wed, 23 Sep 2020 04:09 PM (IST)
प्रतापगढ़ में ऑनलाइन होगा वैट के वादों का निस्तारण, इस निर्णय के पीछे यह है कारण
प्रतापगढ़ में वाणिज्‍य कर विभाग में व्यापार से जुड़े वैट के वाद का निस्तारण ऑनलाइन होगा।

प्रतापगढ़, जेएनएन। कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव को लेकर शासन स्तर से हर प्रयास किया जा रहा है। इस महामारी से बचाव ही उसका इलाज है। इसके प्रति लोगों को जागरूक भी किया जा रहा है। इसी कड़ी में अब वाणिज्‍य कर विभाग में व्यापार से जुड़े वैट के वाद का निस्तारण ऑनलाइन होगा। इसके लिए व्यापारियों व अन्य को जिला कार्यालय में आने की जरूरत नहीं पड़ेगी। इससे जहां विभाग में भीड़ नहीं लगने पाएगी, वहीं व्यापारियों को भी काफी सहूलियत मिलेगी। यानी एक ओर जहां व्यापारियों के समय की बचत होगी, वहीं दूसरी ओर उनका किराया भी बचेगा।

डेढ़ हजार वाद वैट से संबंधित लंबित है

जिले के वाणिज्‍य कर विभाग दो खंड में बंटा है। इसमे एक खंड में पट्टी व रानीगंज क्षेत्र आता है, जबकि दूसरे खंड में कुंडा व लालगंज इलाका आता है। दोनों खंडों में मिलाकर करीब डेढ़ हजार वाद वैट से संबंधित लंबित है। कोरोना के चलते इसका निस्तारण नहीं हो पा रहा है। इस समस्या से निजात दिलाने के लिए विभाग के कमिश्नर ने डिप्टी कमिश्नर वाणिज्‍य कर को पत्र भेजा है। पत्र के जरिए कहा कि वैट से संबंधित जो वाद हैं उसका निस्तारण ऑनलाइन होगा।

सितंबर के अंतिम सप्‍ताह से होगी व्‍यवस्‍था

सितंबर माह के अंतिम सप्ताह से इस पर काम शुरू हो जाएगा। व्यापारियों को घर बैठे उनके वाद का निस्तारण करें। इससे एक ओर जहां व्यापारियों को दूर दराज से कार्यालय नहीं आना पड़ेगा, वहीं कोरोना के संक्रमण से भी व्यापारी व अफसर भी बच सकेंगे। खास बात यह है कि वैट से जुड़े वाद का निस्तारण 31 अक्टूबर तक होगा। शासन ने यह तिथि निर्धारित की है। लंबित वाद असिस्टेंट कमिश्नर (वाणिज्‍य कर) वैट से जुड़े वाद का निस्तारण अब ऑनलाइन होगा। इसके लिए व्यापारियों को अब कार्यालय पर नहीं आना पड़ेगा। व्यापारियों की सहूलियत के लिए शासन का यह प्रयोग कारगर साबित होगा।

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