बांग्लादेशी युवक को पुलिस ने किया गिरफ्तार, शरण देने वाला चिकित्‍सक भी धराया Prayagraj News

माता-पिता से मिलने के लिए विजन को बांग्लादेश जाना था लिहाजा उसने फर्जी पासपोर्ट और वीजा बनवा लिया। पुलिस ने बांग्‍लादेशी व उसे पनाह देने वाले चिकित्‍सक को पकड़ लिया।

By Edited By: Publish:Mon, 23 Sep 2019 11:30 PM (IST) Updated:Tue, 24 Sep 2019 01:15 PM (IST)
बांग्लादेशी युवक को पुलिस ने किया गिरफ्तार, शरण देने वाला चिकित्‍सक भी धराया Prayagraj News
बांग्लादेशी युवक को पुलिस ने किया गिरफ्तार, शरण देने वाला चिकित्‍सक भी धराया Prayagraj News

प्रयागराज, जेएनएन। जनपद के खीरी थाने की पुलिस ने संदिग्‍ध रूप से रह रहे एक बांग्‍लादेशी युवक को गिरफ्तार कर लिया है। वहीं बांग्‍लादेशी को शरण देने वाला एक चिकित्‍सक को भी पुलिस ने पकड़ा है। उनसे पूछताछ की जा रही है।

पूछताछ में पता चला कि रवि ने 1999 में पौशला में क्लीनिक खोली

अवैध रूप से रह रहा बांग्लादेशी युवक विजन राय पुत्र जितेंद्र नाथ सोमवार शाम खीरी पुलिस के हत्थे चढ़ गया। उसे पनाह देने के आरोप में पुलिस ने कथित डॉक्टर रवि राय पुत्र नीलमाधव राय को भी गिरफ्तार किया है। दोनों खीरी थाना क्षेत्र के पैशला गांव में रहते थे। विजन बांग्लादेश के मंगुरा जिले के श्रीपुर थाना क्षेत्र स्थित बोटियाखली बरलीदाह हजरीपुर का रहने वाला है। जबकि रवि पश्चिम बंगाल के नदिया जिले के भीमपुर गांव का मूल निवासी है। पूछताछ में पता चला है कि रवि 1999 में पौशला गांव आया और प्राइवेट क्लीनिक खोली। 2002 में रवि की मुलाकात पश्चिम बंगाल में विजन से हुई थी। उस वक्त उसकी उम्र करीब सात साल थी। उसे अकेला पाकर रवि अपने साथ यहां लाया था। उसे बेटे की तरह मानने लगा।

पैन कार्ड व वोटर आइडी में पिता की जगह अपना नाम डलवा दिया

फिर उसके पैन कार्ड व वोटर आइडी में पिता की जगह अपना नाम डलवा दिया। माता-पिता से मिलने के लिए विजन को बांग्ला देश जाना था, लिहाजा उसने फर्जी पासपोर्ट और वीजा बनवा लिया। यह भी पता चला है कि अनपढ़ होने के बावजूद विजन ने लालतारा स्थित हंसवाहिनी पब्लिक स्कूल से आठवीं कक्षा की फर्जी मार्कशीट बनवाई। वह बांग्लादेश और दुबई भी जा चुका है।

हवाई अड्डे पर चेकिंग के दौरान विजन ने खुद को बांग्लादेशी बताया

कुछ माह पहले दमदम हवाई अड्डे पर चेकिंग के दौरान विजन ने खुद को बांग्लादेशी बताया। मां का नाम आरोती विश्वास और पिता का नाम जितेंद्र नाथ विश्वास बताया। जबकि पासपोर्ट में पिता का नाम रवि लिखा हुआ था। इस कारण पासपोर्ट जमा करके उसे वापस छोड़ दिया गया। गांव में रहते हुए उसकी गतिविधियां संदिग्ध थी। इसके बारे में पता चलने पर थानाध्यक्ष संतोष शुक्ला और एसआइ रामकरन ने टीम के साथ घेरेबंदी कर दोनों को दबोच लिया।

आतंकी गिरोह से कनेक्शन की जांच 

पुलिस का दावा है कि अब तक की जांच में किसी आंतकी गिरोह से विजन का कनेक्शन सामने नहीं आया है लेकिन उसके मोबाइल की कॉल डिटेल रिपोर्ट समेत अन्य बिंदुओं की जांच की जा रही है। अभी पूछताछ में यही पता चला है कि काम की तलाश में वह बचपन में ही पश्चिम बंगाल आया था, जहां कथित डॉक्टर से मुलाकात हुई थी। पुलिस पश्चिम बंगाल से रवि और उसके परिजनों के बारे में जानकारी जुटा रही है।

बोले पुलिस अधिकारी

पुलिस अधिकारी बोले कि अवैध रूप से रहने वाले बांग्लादेशी युवक और उसे पनाह देने वाले के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया गया है। फर्जी मार्कशीट बनाने वाले स्कूल समेत अन्य के खिलाफ भी नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।

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