मेला क्षेत्र में अब तक नहीं शुरू हो सका शौचालय निर्माण कार्य

कुंभ 2019 में एक लाख मूत्रालय, 1,22,500 शौचालय व परेड में एक केंद्रीय चिकित्सालय बनना है। परेड ग्राउंड में सौ बेड के अस्पताल का काम 40 प्रतिशत पूरा करने का दावा किया जा रहा है।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 16 Nov 2018 10:35 AM (IST) Updated:Fri, 16 Nov 2018 10:35 AM (IST)
मेला क्षेत्र में अब तक नहीं शुरू हो सका शौचालय निर्माण कार्य
मेला क्षेत्र में अब तक नहीं शुरू हो सका शौचालय निर्माण कार्य

प्रयागराज : कुंभ को लेकर स्वास्थ्य विभाग की कवायद सुस्त है। मेला क्षेत्र में अभी तक शौचालय व मूत्रालय बनाने का काम शुरू नहीं हो सका। विभाग की ओर से कुछ स्थानों पर सिर्फ गड्ढे खोदकर छोड़ दिए गए हैं। जबकि, मेला क्षेत्र में सवा लाख शौचालय व 20 हजार मूत्रालय बनाए जाने हैं। उसके लिए अभी तक स्थान भी चिह्नित नही हो पाया।

2013 महाकुंभ में स्वास्थ्य विभाग ने 40 हजार शौचालय व 20 हजार मूत्रालय बनाए थे। इसमें छह सौ शौचालय सार्वजनिक थे। सार्वजनिक शौचालयों में एक स्थान पर 20 शीट लगाई गई थी। परेड में सौ बेड का मुख्य अस्पताल था, जबकि 15 सेक्टरों में 20-20 बेड के अस्पताल बने थे। नवंबर माह में 50 प्रतिशत काम कर लिया गया था।

एक दिसंबर से परेड ग्राउंड का अस्पताल बनकर तैयार हो गया था। इस बार उसकी अपेक्षा काफी सुस्त काम चल रहा है। कुंभ 2019 में एक लाख मूत्रालय, 1,22,500 शौचालय व परेड में एक केंद्रीय चिकित्सालय बनना है। परेड ग्राउंड में सौ बेड के अस्पताल का काम 40 प्रतिशत पूरा करने का दावा किया जा रहा है। वहीं मूत्रालय व शौचालय बनाने की गति काफी सुस्त है। अभी तक पांच सौ शौचालय भी नही बन पाए हैं। कैसे बनेंगे गुणवत्तापूर्ण शौचालय :

कुंभ में 14 करोड़ के लगभग श्रद्धालुओं के प्रयाग आने की उम्मीद है। इसके मद्देनजर स्वास्थ्य विभाग को 80 हजार सार्वजनिक शौचालय बनाने हैं। इसके काम की गति को देखते हुए साफ नजर आ रहा है कि बचे दिनों में इतने अधिक शौचालय गुणवत्तापूर्ण बनाना असंभव है। चार-पांच दिन में बनता है शौचालय :

एक शौचालय बनाने में चार-पांच दिन का समय लगता है। इसके लिए 20 फिट का गड्ढा खोदकर ईट व सीमेंट का टैंक बनता है। फिर शीट रखी जाती है। सीमेंट व बालू को सूखने में दो-तीन दिन लग जाते हैं, जबकि मूत्रालय बनाने में दो-तीन दिन लगते हैं। कुंभ का पहला शाही स्नान 15 जनवरी को है, तब तक काम पूरा होने पर संशय की स्थिति है। सफाई का भी है जिम्मा :

स्वास्थ्य विभाग के पास मेला क्षेत्र में सफाई का भी जिम्मा है। सरकार का स्वच्छता पर विशेष ध्यान भी है। इधर धीरे-धीरे संत-महात्मा और आम श्रद्धालुओं का जमघट लगने लगा है। भीड़ बढ़ने पर गंदगी भी फैलेगी ऐसी स्थिति में स्वास्थ्य विभाग सफाई पर ध्यान देगा या शौचालय-मूत्रालय बनाएगा। परेड में बन रहे अस्पताल का काम 40 प्रतिशत पूरा हो गया है। मूत्रालय व शौचालय बनने लगे हैं, अभी तक दो सौ शौचालय बना लिए गए हैं। जो बचे हैं उन्हें तेजी से बनाया जाएगा। हम 15 जनवरी तक सारा काम पूरा कर लेंगे।

- अशोक कुमार पालीवाल, अपर निदेशक स्वास्थ्य।

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