रोजगार से जोडऩे का अवसर भी लेकर आया है शिल्प मेला Prayagraj News
पीओपी से रंग-विरंगी मूर्तियां हों बांस से बने फूलदान तांत की कुर्सियां और मैदानी क्षेत्रों में आसानी से उपलब्ध होने वाली सामग्री से बनने वाले घरों में सजावट के लिए अन्य उत्पाद।
प्रयागराज,जेएनएन । एनसीजेडसीसी में इस बार लगा राष्ट्रीय शिल्प मेला विभिन्न प्रांतों के पारंपरिक शिल्प उत्पादों के अलावा युवाओं को रोजगार से जोडऩे का अवसर भी लेकर आया है। इसमें स्कूल के छात्र-छात्राओं को शिल्प कारीगर मौके पर ही उत्पाद बनाकर प्रशिक्षण देंगे। शिल्प मेले को तीन दिन हो चुके हैं। प्रशिक्षण देने के लिए कारीगरों ने उत्पाद बनाने की शुरुआत भी कर दी है।
सीखेने के लिए समय, संतुलन और लगन की जरूरत
प्लास्टर ऑफ पेरिस (पीओपी) से रंग-विरंगी मूर्तियां हों, बांस से बने फूलदान, तांत की कुर्सियां और मैदानी क्षेत्रों में आसानी से उपलब्ध होने वाली सामग्री से बनने वाले घरों में सजावट के लिए अन्य उत्पाद। इन्हें बनाने के लिए थोड़ा समय, संतुलन और लगन की जरूरत होती है। एनसीजेडसीसी के शिल्प मेले में फरीदाबाद से आए गंगाराम बताते हैं कि प्लास्टर ऑफ पेरिस से मूर्ति व अन्य कलाकृतियों को बनाने की कला उन्होंने अपने उस्ताद से सीखी थी। अब अवसर मिला तो युवाओं को भी यह हुनर सिखाएंगे। जिससे कि इस कला का विस्तार हो तथा युवा इससे स्वयं रोजगार भी अपना सकते हैं।
थोड़े प्रयास में बड़ा रोजगार का अवसर
बांस से फूलदान बना रहे असम निवासी बहार अली ने कहा कि यह कला यूपी में भी प्रचलित हैं लेकिन, छोटा काम समझकर युवा इस ओर उन्मुख नहीं होते। बताया कि इसका प्रशिक्षण जिसे मिल जाए तो वह थोड़े प्रयास में बड़ा रोजगार कर सकता है। तांत की कुर्सियों में पॉलिश कर रहे मुर्तजा और जूट के बैग बना रहे कोलकाता के कारीगर सुमंगल भी यह कला दूसरों को सिखाने के लिए तैयार हैं।