सोरांव में सरसों की खेती की आड़ में उगाता था अफीम, एसटीएफ व एनसीबी ने किया गिरफ्तार Prayagraj News

एनसीबी और राजस्व अधिकारियों ने सोरांव थाना क्षेत्र के मलाक पयागी गांव में छापेमारी की। इस दौरान आरोपित मान सिंह को पकड़ लिया गया। उसने कहा कि पोस्‍ता की खेती करता था।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Publish:Mon, 09 Mar 2020 09:21 AM (IST) Updated:Mon, 09 Mar 2020 09:21 AM (IST)
सोरांव में सरसों की खेती की आड़ में उगाता था अफीम, एसटीएफ व एनसीबी ने किया गिरफ्तार Prayagraj News
सोरांव में सरसों की खेती की आड़ में उगाता था अफीम, एसटीएफ व एनसीबी ने किया गिरफ्तार Prayagraj News

प्रयागराज, जेएनएन। प्रयागराज जनपद के सोरांव इलाके में सरसों की आड़ में अवैध रूप से अफीम की खेती की जा रही थी। जब इसका पता चला तो स्पेशल टॉस्क फोर्स (एसटीएफ) और नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) ने अफीम की खेती करने के आरोपित मान सिंह पटेल पुत्र श्रीराम को गिरफ्तार किया। उसकी चार बिस्वा अवैध फसल को भी नष्ट कर दी गई है। वहीं मलाक पयागी गांव निवासी मान सिंह के खिलाफ सोरांव थाने में रिपोर्ट दर्ज की गई है।

सोरांव के मलाक पयागी गांव में छापेमारी की

एसटीएफ के एडिशनल एसपी नीरज पांडेय को कुछ दिन पहले सोरांव इलाके में अवैध रूप से अफीम की खेती करने की जानकारी मिली थी। इस पर उन्होंने एसटीएफ सीओ नवेंदु कुमार और लखनऊ की एनसीबी टीम से जांच कराई तो अफीम की खेती करने की पुष्टि हो गई। तब उन्होंने कार्रवाई के लिए टीम गठित की। इंस्पेक्टर अतुल कुमार सिंह की अगुवाई में एनसीबी और राजस्व अधिकारियों ने सोरांव थाना क्षेत्र के मलाक पयागी गांव में छापेमारी की। इस दौरान मान सिंह को पकड़ लिया गया।

आरोपित ने अफीम के बजाय पोस्ता दाना बोने की बात कही

पूछताछ में आरोपित मान सिंह ने अपना जुर्म स्वीकार किया तो पैमाइश कराकर चार बिस्वा अफीम की फसल को नष्ट कर दिया गया। अफीम करीब चार माह पहले बोई गई थी, जो जल्द ही तैयार होने वाली थी। हालांकि आरोपित अफीम के बजाय पोस्ता दाना बोने की बात कह रहा था, जिसे अधिकारी गलत बता रहे हैं।

कोई भी व्यक्ति अफीम के सिर्फ दो पौधे ही लगा सकता है

एडिशनल एसपी ने बताया कि अफीम की खेती करने के लिए केंद्रीय नारकोटिक्स ब्यूरो से लाइसेंस लेना पड़ता है। नियमानुसार कोई शख्स दो पौध ही उगा सकता है। इससे ज्यादा होने पर उसे अवैध माना जाता है। प्रदेश के बाराबंकी, गाजीपुर, बरेली और बदायूं में ही अफीम की विधिक खेती होती है।

आठ किलो अफीम से एक किलो हेरोइन बनती है

बताया जाता है कि अफीम के फल में चीरा लगाया जाता है, जिससे दूध निकलता है। उसी दूध को अफीम कहते हैं। आठ किलो अफीम से एक किलो ग्राम हेरोइन बनती है। चीरा लगाने के लिए भी एक्सपर्ट व्यक्ति होता है। अफीम का उपयोग दवा बनाने के काम में किया जाता है, लेकिन तमाम लोग इसे नशे के रूप में उपयोग करते हैं। मान सिंह बीज कहां से लाया और फसल किसको बेचना था, इसकी छानबीन चल रही है।

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