New Delhi-Howrah Rail Route : ट्रेनों की रफ्तार बढ़ने में लगेंगे चार वर्ष, प्रयागराज में 130 किमी प्रति घंटा है स्‍पीड

नई दिल्ली-हावड़ा रूट पर एनसीआर के प्रयागराज मंडल में 130 किमी प्रति घंटे तक की स्पीड से ट्रेनें चलती हैं। इस गति सीमा को 160 किमी प्रति घंटे करने की दिशा में तेजी से काम हो रहा है।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Publish:Fri, 07 Aug 2020 12:33 PM (IST) Updated:Fri, 07 Aug 2020 04:51 PM (IST)
New Delhi-Howrah Rail Route : ट्रेनों की रफ्तार बढ़ने में लगेंगे चार वर्ष, प्रयागराज में 130 किमी प्रति घंटा है स्‍पीड
New Delhi-Howrah Rail Route : ट्रेनों की रफ्तार बढ़ने में लगेंगे चार वर्ष, प्रयागराज में 130 किमी प्रति घंटा है स्‍पीड

प्रयागराज, जेएनएन। भारतीय रेलवे नई दिल्ली-हावड़ा और नई दिल्ली-मुंबई मार्ग पर ट्रेनों की रफ्तार बढ़ाने पर जोर दे रहा है। इस दिशा में प्रयास भी किया जा रहा है। ट्रेनों की स्‍पीड बढ़ाने के लिए रेलवे ट्रैक को दुरुस्त किया जा रहा है। सब कुछ ठीक-ठाक रहा तो आने वाले दिनों में एनसीआर के प्रयागराज मंडल में ट्रेनें 160 किमी प्रति घंटे की स्पीड से रेलवे लाइन पर दौड़ेंगी। हालांकि अभी यह स्‍पीड 130 किमी प्रति घंटा है।

सिग्नल को आटोमैटिक किया जा रहा है

उत्तर मध्य रेलवे (एनसीआर) के प्रयागराज मंडल में अभी तक ट्रेनों की अधिकतम स्पीड 130 किमी प्रति घंटे है। इसे बढ़ाने के लिए चिपियाना बुजुर्ग से प्रयागराज और पंडित दीनदयाल जंक्शन तक सिग्नल आटोमैटिक किया जा रहा है। ऐसे प्राविधान हो रहे हैं कि सिग्नल फेल ही नहीं होगा। क्रासिंग पर आरओबी और आरयूबी को मंजूरी दी गई है। पुरानी पटरियों की जगह भारी व लंबी पटरियों को लगाया जा रहा है। ट्रैक में कर्व गति बढ़ाने में बाधक होते हैं, इन्हें सही किया जा रहा है। सिग्नल में हैवी ड्यूटी प्वाइंट्स लगाने के अलावा मॉनीटरिंग को बेहतर उपकरण लगाए जा रहे हैं।

गति पाने में लगेंगे चार साल

उत्तर मध्य रेलवे 160 किमी प्रति घंटे की गति से ट्रेन चलाने की ओर बढ़ रहा है। लोकोमोटिव और एलएचबी कोच तो 160 की गति से चलने में सक्षम हैं लेकिन कई अन्य काम होने हैं। इन सब कार्यों में चार साल का समय लगने की उम्‍मीद है।

बोले, एनसीआर के सीपीआरओ

एनसीआर के मुख्‍य जनसंपर्क अधिकारी अजीत कुमार सिंह कहते हैं कि ट्रेनों की गति 160 किमी प्रति घंटे करने के कई काम किए जा रहे हैं। ट्रैक के दोनों ओर दीवार बनाने, ट्रैक्शन सब स्टेशन बनाने, ओएचई में बदलाव व मॉनीटरिंग सिस्टम को  बेहतर करने का काम किया जा रहा है।

मार्ग ट्रेन परीक्षण प्रणाली चलती ट्रेन में खामियाें पकड़ेगी

ट्रेनों के परिचालन के दौरान हाट एक्सल, हैंगिंग पार्ट, ब्रेक बाइंडिंग जैसी तमाम समस्याएं आती हैं। जांच पारंपरिक रूप से स्टेशनों, लेवल क्रासिंग गेटों और रोलिंग इन प्वाइंटों पर नियुक्त कर्मचारी करते हैैं। कई बार इसमें चूक हो जाती है और नतीजा हादसे के रूप में सामने आता है। इस समस्या को दूर करने के लिए मार्ग ट्रेन परीक्षण प्रणाली स्थापित की जाएगी। पूरी तरह स्वचालित प्रणाली ट्रेनों के चलने के दौरान उपकरणों पर निगाह रखेगी और खामियों की जानकारी कंट्रोल रूम को देगी।

इस प्रणाली को पूरे जोन में स्थापित किया जाएगा

उत्तर मध्य रेलवे क्षेत्र में चलती ट्रेनों में समस्याओं की पहचान के लिए व्हील इम्पैक्ट लोड डिटेक्टर, ऑनलाइन रोलिंग स्टॉक मॉनिटरिंग व हैंगिंग पार्ट डिटेक्शन सिस्टम की स्थापना की गई है। यांत्रिक विभाग ने ऐसी प्रणाली तैयार की है, जिसे पूरे जोन में स्थापित किया जाएगा। उपकरणों को गाजियाबाद-पं दीन दयाल उपाध्याय जंक्शन और पलवल-बीना के मध्य लगाया जाएगा। एनसीआर के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी अजीत कुमार ङ्क्षसह के मुताबिक स्वचालित वे साइड उपकरणों को हर 100 किलोमीटर के बीच लगाया जाएगा। इससे खामियों को पकडऩे में सहूलियत होगी।

chat bot
आपका साथी