पठन-पाठन रोक शिक्षामित्र फिर आंदोलन की राह पर

शीर्ष कोर्ट से समायोजन रद होने के बाद प्रदेश सरकार से बड़ी राहत मिलने की उम्मीद लगाए शिक्षामित्र फिर आंदोलन की राह पर चल पड़े हैं।

By Nawal MishraEdited By: Publish:Thu, 17 Aug 2017 10:45 PM (IST) Updated:Thu, 17 Aug 2017 10:47 PM (IST)
पठन-पाठन रोक शिक्षामित्र फिर आंदोलन की राह पर
पठन-पाठन रोक शिक्षामित्र फिर आंदोलन की राह पर

इलाहाबाद (जेएनएन)। शीर्ष कोर्ट से समायोजन रद होने के बाद प्रदेश सरकार से बड़ी राहत मिलने की उम्मीद लगाए शिक्षामित्र फिर आंदोलन की राह पर चल पड़े हैं। जिला मुख्यालयों पर दिन पर प्रदर्शन, मौन जुलूस और घेराव के साथ सड़क जाम करने की सूचनाएं हैं। शिक्षामित्र अब सरकार पर वादा खिलाफी करने का आरोप लगा रहे हैं, साथ ही समान कार्य के लिए समान वेतन की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि सरकार जल्द अध्यादेश लाकर उनकी समस्या का निस्तारण करे।

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अवध क्षेत्र के जिलों में शिक्षामित्रों ने गुरुवार को बीएसए कार्यालय पर प्रदर्शन किया और मांगें न पूरी होने तक आंदोलन जारी रखने की चेतावनी भी दी। फैजाबाद में शिक्षामित्र सुबह से ही स्कूल छोड़कर बेसिक शिक्षा अधिकारी के कार्यालय परिसर में जमा हो गए। आंदोलन से 88 विद्यालयों में शिक्षण कार्य बाधित रहा तो 13 विद्यालयों में पूरे दिन पढ़ाई नहीं हो सकी। गोंडा में शिक्षामित्रों ने मुख्यमंत्री पर वादा खिलाफी का आरोप लगाया। सीतापुर में शिक्षामित्रों ने बीएसए कार्यालय पर बेमियादी धरना दिया। बाराबंकी में शिक्षामित्रों ने बीएसए कार्यालय में तालाबंदी की। दोपहर बाद लखनऊ-फैजाबाद राष्ट्रीय राजमार्ग को आधे घंटे तक जाम रखा। रायबरेली में विकास भवन परिसर के बाहर सत्याग्रह आंदोलन किया गया। अमेठी में भी बीएसए कार्यालय पर प्रदर्शन जारी रहा। एक घंटे के बाद प्रभारी मंत्री मोहसिन रजा के आने के बाद शिक्षामित्र शांत हुए। अंबेडकरनगर व बलरामपुर में शिक्षामित्रों ने बीएसए कार्यालय का घेराव कर प्रदर्शन किया। बहराइच में शिक्षामित्र बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार अनुपमा जायसवाल के कार्यालय पर पहुंचे और घेराव किया। लखीमपुर में विद्यालयों में तालाबंद कर बीएसए कार्यालय पर धरना प्रदर्शन कर नारेबाजी की। सुलतानपुर में शिक्षामित्र सड़क पर उतर पड़े। 

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वाराणसी क्षेत्र के बलिया, गाजीपुर, मऊ, आजमगढ़, जौनपुर, मीरजापुर, भदोही, चंदौली, वाराणसी व सोनभद्र में समायोजन रद होने के बाद बीच का रास्ता निकालने की मांग को लेकर शिक्षामित्र एक बार फिर से आंदोलन की राह पर आ गए हैं। जौनपुर में हजारों की संख्या में शिक्षामित्र गेरुआ वस्त्र धारण कर बीएसए कार्यालय परिसर में झाड़ू लगाकर विरोध जताया। इलाहाबाद के मम्फोर्डगंज स्थित सर्वशिक्षा अभियान कार्यालय में शिक्षामित्र एकत्र हुए। वहां से शिक्षा मित्र संयुक्त मोर्चा के तत्वावधान में कलेक्ट्रेट तक पैदल मार्च किया। प्रतापगढ़ व कौशांबी में भी शिक्षा मित्रों ने प्रदर्शन कर ज्ञापन सौंपा। 

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सहारनपुर में शिक्षामित्रों ने बीएसए कार्यालय पर धरना दिया। धरने के दौरान शिक्षामित्र रीना पुंडीर और संजय कुमार की हालत बिगड़ गई। दोनों को अस्पताल में भर्ती कराया गया। बागपत में कलक्ट्रेट के सामने दिल्ली-यमुनोत्री हाईवे पर जाम लगाकर विरोध प्रदर्शन किया। धरने के दौरान सविता देवी को दिल का दौरा पड़ गया। मुजफ्फरनगर में शिक्षामित्रों ने सड़कों पर उतरकर झाडू भी लगाई। बुलंदशहर में जिलाधिकारी कार्यालय पहुंच और मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन सौंपा। बिजनौर में बीएसए कार्यालय में प्रदर्शन कर धरना दिया। ग्रेटर नोएडा में शिक्षामित्रों ने बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय पर प्रदर्शन किया। हापुड़ में बीएसए कार्यालय के समक्ष धरना देकर बीएसए को ज्ञापन दिया। गाजियाबाद में बेसिक शिक्षा विभाग कार्यालय पर धरना दिया। एटा में प्रदर्शन के दौरान जीटी रोड पर जाम लगा दिया। इसके बाद शिक्षामित्रों का एक आठ सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल महाराष्ट्र के मालेगांव रवाना हुआ। शिक्षामित्रों का कहना है कि वे अपनी लड़ाई अन्ना हजारे के नेतृत्व में लड़ेंगे। मैनपुरी जिले के 169 स्कूलों में ताला डाल दिया और प्रदर्शन किया। मथुरा व आगरा में प्रदर्शन के दौरान नारेबाजी कर आर-पार का एलान किया। फीरोजाबाद में भी जाम लगाने की कोशिश पुलिस ने विफल कर दी। बरेली में बीएसए दफ्तर का घेराव कर प्रदर्शन किया। बदायूं में जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय पर धरना दिया। पीलीभीत में शिक्षामित्रों ने जुलूस निकाला। शाहजहांपुर में प्रदर्शन के बाद सिटी मजिस्ट्रेट को ज्ञापन सौंपा। गोरखपुर में शिक्षामित्रों का धरना जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय पर हुआ। यही स्थिति गोरखपुर-बस्ती मंडल के अन्य जिलों में भी रही।

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