रेलवे डॉटपुल चौड़ीकरण तो हुआ पर लोगों की राह अभी भी कठिन

कुंभ मेला से पहले यातायात सुगम करने के लिए रेलवे डॉटपुल का चौड़ीकरण किया गया है। हालांकि इन डॉटपुलों के नीचे की सड़क अभी तक नहीं बनाई गई है, जिससे लोगों को आवागमन में दिक्‍कत हो रही है।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Publish:Sun, 21 Oct 2018 02:20 PM (IST) Updated:Sun, 21 Oct 2018 02:20 PM (IST)
रेलवे डॉटपुल चौड़ीकरण तो हुआ पर लोगों की राह अभी भी कठिन
रेलवे डॉटपुल चौड़ीकरण तो हुआ पर लोगों की राह अभी भी कठिन

प्रयागराज : कुंभ से पहले यातायात सुगम करने और लोगों को जाम से मुक्ति दिलाने के लिए बीते दिनों एक माह का ब्लाक लिया गया। इसके तहत आधा दर्जन रेलवे डॉटपुलों का चौड़ीकरण हुआ। डॉटपुल के दोनों ओर खोदाई करके कंक्रीट के बाक्स रखे गए। हालांकि स्थिति जस की तस बनी है। इन डॉटपुलों के नीचे के मार्गों से लोगों का राह चलना दूभर हो गया है। क्योंकि अभी तक वहां की सड़कों की दशा नहीं सुधरी। जगह-जगह गड्ढा होने से लोगों जाम में फंस रहे हैं, धूल से शरीर व कपड़े जो बर्बाद होते हैं सो अलग।

  सितंबर व अक्टूबर माह में उत्तर एवं पूर्वोत्तर रेलवे की ओर से डॉटपुलों का चौड़ीकरण हुआ था। इसके तहत  सोहबतियाबाग, सीएमपी डिग्री कालेज, अल्लापुर, गीता निकेतन, सलोरी व  दारागंज डॉटपुलों का चौड़ीकरण किया गया। सीएमपी व सोहबतियाबाग में डॉटपुल के दोनों ओर कंक्रीट के बाक्स रखे गए। बाकी डॉटपुलों में एक-एक ओर बॉक्स रखे गए हैं। बॉक्स रखे हुए तीन सप्ताह से अधिक का समय बीत गया लेकिन अभी तक मार्ग का समतलीकरण करके सड़क नहीं बनाई गई।

 चौड़ीकरण हुए हर बाक्स को खोदकर छोड़ दिया गया है। इसके चलते लोग चाहकर भी उधर से नहीं गुजर पा रहे हैं और जाम की स्थिति पहले की तरह बनी है। जबकि सारे मार्ग संगम की ओर जाते हैं। उक्त मार्गों से प्रतिदिन हजारों लोगों का आना-जाना होता है। इसके बावजूद अभी तक उसे ठीक नहीं किया गया। इसके चलते लोगों को दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। आश्चर्य की बात यह है कि मार्ग कब बनेगा उसे बताने को कोई तैयार नहीं है।

दशहरा में परेशान हुए शहरवासी :

इन डॉटपुलों के नीचे से होकर हजारों की संख्या में शहरवासियों का रोज आवागमन होता है। वहीं पिछले दिनों दशहरा पर्व पर तो इन मार्गों पर वाहनों से लोगों का देर रात आना-जाना रहा। उड़ती धूल-मिट्टी और जाम की वजह से सोहबतियाबाग, बैरहना डॉटपुल के नीचे से निकलना लोगों के लिए आसान नहीं था।

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