Allahabad University के कुलपति का चयन प्रो. खेत्रपाल और गौतम ही करेंगे Prayagraj News

मंत्रालय को पत्र भेजकर आरोप लगाया कि प्रो. खेत्रपाल पर इविवि के कुलपति रहते हुए अपने गलत निर्णय के चलते 50 हजार का जुर्माना भी लग चुका है।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Publish:Tue, 02 Jun 2020 07:00 AM (IST) Updated:Tue, 02 Jun 2020 09:44 AM (IST)
Allahabad University के कुलपति का चयन प्रो. खेत्रपाल और गौतम ही करेंगे Prayagraj News
Allahabad University के कुलपति का चयन प्रो. खेत्रपाल और गौतम ही करेंगे Prayagraj News

प्रयागराज, जेएनएन। तमाम विवादों के बाद केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय (एचआरडी) ने इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय (इविवि) में स्थायी कुलपति की नियुक्ति के लिए सर्च कमेटी का गठन किया है। कमेटी में इविवि के पूर्व कुलपति प्रोफेसर सीएल खेत्रपाल और नेशनल सेंटर फॉर इंटरनेशनल सिक्योरिटी एंड डिफेंस एनालिसिस पुणे के पूर्व निदेशक प्रोफेसर गौतम सेन को शामिल किया है। राष्ट्रपति प्रतिनिधि के तौर पर विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के चेयरमैन प्रो. डीपी सिंह को शामिल किया है। वह कमेटी के समन्वयक बनाए गए हैं।

21 फरवरी तक देश भर के 125 शिक्षाविदों ने किया है आवेदन

इविवि के पूर्व कुलपति प्रोफेसर रतन लाल हांगलू ने 31 दिसंबर 2019 को पद से इस्तीफा दिया था। इसके बाद मंत्रालय ने कुलपति पद के लिए आवेदन मांगे। 21 फरवरी तक देशभर से 125 शिक्षाविदों ने आवेदन किया जिसमें नौ आवेदन इविवि से जुड़े शिक्षकों के हैं। मंत्रालय के दबाव पर छह मार्च को कार्य परिषद की बैठक में सदस्यों ने सर्वसम्मति से प्रो. सीएल खेत्रपाल और प्रो. गौतम सेन के नाम पर मुहर लगाई। रजिस्ट्रार प्रोफेसर एनके शुक्ल के माध्यम से सीलबंद लिफाफा डाक के जरिए मंत्रालय को भेज दिया था।

आटा अध्‍यक्ष ने प्रोफेसर खेत्रपाल के नाम पर जताई थी आपत्ति

इसी के बाद इलाहाबाद विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (आटा) के अध्यक्ष प्रोफेसर राम सेवक दुबे ने कमेटी में प्रो. खेत्रपाल को शामिल करने का विरोध किया। मंत्रालय को पत्र भेजकर आरोप लगाया कि प्रो. खेत्रपाल पर इविवि के कुलपति रहते हुए अपने गलत निर्णय के चलते 50 हजार का जुर्माना भी लग चुका है। इस पर मंत्रालय ने प्रो. खेत्रपाल का नाम खारिज करते हुए दोबारा 16 मार्च को कार्य परिषद की बैठक में नया नाम भेजने का निर्देश दिया लेकिन लॉकडाउन के चलते मामला ठंडे बस्ते में चला गया।

कुलपति के चयन से पूर्व दो बैठक होगी

इसी बीच मंत्रालय ने सर्च कमेटी का गठन कर दिया। इसकी पुष्टि कमेटी के एक सदस्य ने की। उन्होंने बताया कि कुलपति के चयन से पूर्व दो बैठक होगी। पहली बैठक में आवेदन फॉर्म की स्क्रूटनी होगी और दूसरी में चुनिंदा 10 आवेदकों से संवाद स्थापित किए जाएंगे। फिर बंद लिफाफे में कुछ नाम राष्ट्रपति को भेज दिए जाएंगे। हालांकि इविवि प्रशासन इसकी पुष्टि नहीं कर रहा है।

इविवि के कुलपति रह चुके हैं प्रो. खेत्रपाल

प्रो. सीएल खेत्रपाल वर्ष 1998 से 2001 तक इविवि के कुलपति रह चुके हैं। उन्होंने जून 2018 में तत्कालीन कुलपति प्रोफेसर रतन लाल हांगलू की मनमानी से तंग होकर इविवि कार्य परिषद के सदस्य पद से इस्तीफा दिया था। उन्होंने विश्वविद्यालय के विजिटर यानी राष्ट्रपति को इस्तीफा भेजकर कहा था कि विवि में हालात इतने खराब हैं कि वह चाहकर भी कुछ नहीं कर सकते। 17 जून 2018 को कार्य परिषद की बैठक का हवाला देते हुए कहा था कि उनके साथ दो अन्य सदस्यों ने भी रजिस्ट्रार रहे कर्नल हितेश की सेवा समाप्त करने पर विरोध दर्ज कराया था। फिर भी कुलपति ने मनमाने तरीके से फैसला लिया जबकि प्रोफेसर गौतम सेन राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के साथ काम कर चुके हैं। वह यूजीसी की कई कमेटियों के अध्यक्ष भी रहे हैं।

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