स्वयंभू शंकराचार्यो का अखाड़ा परिषद करेगी बहिष्कार

जागरण संवाददाता, इलाहाबाद : स्वयंभू शंकराचार्यो की बढ़ती संख्या से चिंतित अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद

By JagranEdited By: Publish:Mon, 27 Feb 2017 07:14 PM (IST) Updated:Mon, 27 Feb 2017 07:14 PM (IST)
स्वयंभू शंकराचार्यो का अखाड़ा परिषद करेगी बहिष्कार
स्वयंभू शंकराचार्यो का अखाड़ा परिषद करेगी बहिष्कार

जागरण संवाददाता, इलाहाबाद : स्वयंभू शंकराचार्यो की बढ़ती संख्या से चिंतित अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने हरिद्वार में आपात बैठक बुलाई है। 10 मार्च को बैठक होने की संभावना है। इस बैठक में परिषद के पदाधिकारियों के साथ दंडी संन्यासी भी शामिल होंगे। यह पहला मौका होगा जब अखाड़ा की बैठक में दंडी संन्यासी शामिल होंगे। दंडी संन्यासियों के अलावा शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती, शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वती भी बैठक में आमंत्रित किए गए हैं।

बता दें कि महाशिवरात्रि पर जगद्गुरु नरेंद्रानंद सरस्वती ने हरिद्वार में भूमा निकेतन के स्वामी अच्युतानंद का पट्टाभिषेक द्वारिका पीठाधीश्वर के रूप में कर दिया। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि ने इस पट्टाभिषेक का पुरजोर विरोध करते हुए नरेंद्रानंद व अच्युतानंद को संत समाज से बहिष्कार करने का एलान कर दिया। इसके बाद अब स्वयंभू शंकराचार्यो की बढ़ती संख्या पर रोक लगाने को अखाड़ा परिषद की बैठक बुलाई गई है। इसमें अखिल भारतीय दंडी संन्यासी समिति के अध्यक्ष स्वामी विमलदेव आश्रम व महामंत्री स्वामी ब्रह्माश्रम विशेष रूप से आमंत्रित किए गए हैं। वहीं शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती व शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वती भी बुलाए गए हैं। अखाड़ा परिषद, शंकराचार्य व दंडी संन्यासी मिलकर स्वयंभू शंकराचार्यो के खिलाफ प्रस्ताव पारित कर उनका सामूहिक बहिष्कार कर एलान करेंगे।

वर्जन

महंत नरेंद्र गिरि ने हरिद्वार में होने वाली अखाड़ा परिषद की बैठक में हमें आमंत्रित किया है। धर्महित में हो रही इस बैठक में हम शामिल होकर स्वयंभू शंकराचार्यो के खिलाफ कार्रवाई में पूरा सहयोग देंगे, क्योंकि यह हमारी अस्मिता का मामला है।

-स्वामी ब्रह्माश्रम, महामंत्री अखिल भारतीय दंडी संन्यासी समिति

दंडी संन्यासी के समर्थन पर शंकराचार्य की नियुक्ति होती है। इधर स्वयंभू शंकराचार्यो की बाढ़ आ गई है। इस पर रोक लगाने के लिए अखाड़ा परिषद की बैठक शंकराचार्य व दंडी संन्यासी भी आमंत्रित किए गए हैं।

-महंत नरेंद्र गिरि, अध्यक्ष अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद

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