प्रयागराज विकास प्राधिकरण से प्लाट आवंटित फिर भी नहीं मिला कब्जा, आवंटियों के प्लाट पर भू माफिया का कब्जा

Prayagraj Development Authority आवंटियों का दावा है कि भू-माफिया अभिलेखों में नाम न दर्ज करने का दबाव राजस्वकर्मियों पर भी बनाते हैं। इससे भी दिक्कत आ रही है। प्रभारी अधिकारी संपत्ति आलोक कुमार पांडेय का कहना है कि प्राइवेट लोग जिन प्लाटों पर आपत्ति कर रहे हैं।

By Rajneesh MishraEdited By: Publish:Thu, 24 Jun 2021 07:10 AM (IST) Updated:Thu, 24 Jun 2021 07:10 AM (IST)
प्रयागराज विकास प्राधिकरण  से प्लाट आवंटित फिर भी नहीं मिला कब्जा, आवंटियों के प्लाट पर भू माफिया का कब्जा
लापरवाही प्राधिकरण की है लेकिन, लाखों रुपये देने के बावजूद आवंटी अपने प्लाट पर कब्जा नहीं कर पा रहे हैं।

प्रयागराज, जेएनएन। प्रयागराज विकास प्राधिकरण (पीडीए) की तमाम आवासीय योजनाओं में कास्तकारों से जमीन अधिग्रहित कर ली गई लेकिन, उस जमीन को राजस्व अभिलेखों में प्राधिकरण ने अपने नाम नहीं करवाया। इसका खामियाजा आवंटियों को भुगतना पड़ रहा है। लापरवाही प्राधिकरण की है लेकिन, लाखों रुपये देने के बावजूद आवंटी अपने प्लाट पर कब्जा नहीं कर पा रहे हैं। इससे उनका अपना आशियाना बनाने का सपना भी चकनाचूर होता जा रहा है। आवंटी प्लाट पर कब्जा पाने के लिए प्राधिकरण के चक्कर काट रहे हैं मगर, अफसरों द्वारा उन्हें सिर्फ आश्वासन की घुट्टी पिलाई जा रही है।

नेहरू पार्क के समीप जाह्नवीपुरम आवास योजना में करीब दो दर्जन आवंटियों को एलआइजी और एमआइजी प्लाटों का आवंटन प्राधिकरण द्वारा वर्ष 2018 में किया गया। 60 वर्ग मीटर के एलआइजी प्लाट की कीमत 14.40 लाख और 120 वर्ग मीटर के एमआइजी प्लाट की कीमत 28.80 लाख रुपये आवंटियों को प्राधिकरण को भुगतान करना पड़ा था। लेकिन, करीब चार साल हो गए आवंटियों को प्लाट पर कब्जा नहीं मिल सका है।

दूसरे के नाम जमीन बेचे जाने का आरोप

नाम न छापने की शर्त पर एक आवंटी ने बताया कि प्राधिकरण ने धारा चार व छह के तहत गजट कराकर जमीन कास्तकारों से खरीदी थी। लेकिन, राजस्व अभिलेखों (खसरा-खतौनी) में जमीन पर प्राधिकरण का नाम न दर्ज होने से भू-माफिया और कास्तकार प्लाट पर कब्जा नहीं लेने दे रहे हैं। यही नहीं जमीन को दूसरों के नाम बेचा भी जा रहा है। अन्य योजनाओं में भी इसी तरह के हाल हैं।

भू-माफिया राजस्व कर्मियों पर भी बनाते हैं दबाव

आवंटियों का दावा है कि भू-माफिया अभिलेखों में नाम न दर्ज करने का दबाव राजस्वकर्मियों पर भी बनाते हैं। इससे भी दिक्कत आ रही है। प्रभारी अधिकारी संपत्ति आलोक कुमार पांडेय का कहना है कि प्राइवेट लोग जिन प्लाटों पर आपत्ति कर रहे हैं। राजस्व एवं पीडीए की संयुक्त टीम द्वारा उसकी पैमाइश कराई जा रही है। अतिरिक्त प्लाट भी निकल रहे हैं। दावा किया कि ज्यादातर आवंटियों के प्लाट दिए जा चुके हैं।

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