कहीं घर को ढहाने न आ जाए पीडीए की जेसीबी इसलिए नक्शा पास करा रहे लोग

प्राधिकरण की टीम ने जिला और पुलिस प्रशासन के सहयोग से पांच सितंबर से माफिया हिस्ट्रीशीटरों एवं अपराधियों के अवैध बने मकानों होटल लॉज गेस्ट हाउस को गिराना शुरू किया। 17 नवंबर तक बगैर नक्शा पास 26 मकान होटल लॉज गेस्ट हाउस कोल्ड स्टोरेज ढहाए जा चुके हैं।

By Ankur TripathiEdited By: Publish:Mon, 23 Nov 2020 06:00 AM (IST) Updated:Mon, 23 Nov 2020 06:00 AM (IST)
कहीं घर को ढहाने न आ जाए पीडीए की जेसीबी इसलिए नक्शा पास करा रहे लोग
प्राधिकरण द्वारा ध्वस्तीकरण की कार्रवाई के बाद से नक्शा पास कराने वालों की संख्या में वृद्धि हुई है।

प्रयागराज, राजकुमार श्रीवास्तव। प्रयागराज विकास प्राधिकरण (पीडीए) द्वारा माफिया, हिस्ट्रीशीटरों और अपराधियों के अवैध निर्माणों को चिन्हित कर ढहाने का अभियान रंग ला रहा है। दरअसल इसका खौफ आम लोगों में भी हुआ है। प्राधिकरण द्वारा ध्वस्तीकरण की कार्रवाई शुरू किए जाने के बाद से नक्शा पास कराने वालों की संख्या में वृद्धि हुई है। इस साल के अगस्त माह (आठ महीने) तक 103 लोगों ने नक्शा पास कराने के लिए ऑनलाइन आवेदन किया था। मगर, इधर ढाई महीने में ही 76 लोगों ने मानचित्र स्वीकृत कराने के लिए आवेदन किया।

26 अवैध निर्माणों को ढहाया ढाई माह में

प्राधिकरण की टीम ने जिला और पुलिस प्रशासन के सहयोग से पांच सितंबर से माफिया, हिस्ट्रीशीटरों एवं अपराधियों के अवैध बने मकानों, होटल, लॉज, गेस्ट हाउस को गिराना शुरू किया। 17 नवंबर तक बगैर नक्शा पास हुए 26 मकान, होटल, लॉज, गेस्ट हाउस, कोल्ड स्टोरेज  ढहाए जा चुके हैं। फिलहाल, अपराधियों द्वारा कराए गए अवैध निर्माणों के खिलाफ पीडीए की कार्रवाई जारी है। इसका खास असर आम लोगों पर पड़ा है। जीवनभर की गाढ़ी-कमाई से बनाया गया मकान बाद में गिरा न दिया जाए, इस डर से सितंबर से लोगों ने मकान का नक्शा पास कराने में तेजी दिखाई है।

शमन योजना के तहत 98 आवेदन हुए

शमन योजना-2020 के तहत आठ अक्टूबर तक प्राधिकरण में कुल 98 आवेदन किए गए। लेकिन, उच्च न्यायालय के स्थगनादेश के कारण नक्शा स्वीकृत होना लंबित है। अफसरों का दावा है कि बहुत से भवन स्वामी कंपाउंडिंग कराना चाहते हैं मगर नहीं हो पा रहा है। इससे प्राधिकरण को भारी क्षति हो रही है।

तीन वर्षों में हुए आवेदन, स्वीकृत और अस्वीकृत (लगभग में)

-एक जनवरी-2018 से 31 दिसंबर तक-266-250-16

-एक जनवरी-2019 से 31 दिसंबर तक-208-189-19

-एक जनवरी-2020 से 31 अगस्त तक-103-82-02

-एक सितंबर से 20 नवंबर तक-76-27-03

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