Magh Mela-2020 : ओल्ड जीटी पांटून पुल तैयार, आवागमन शुरू, 70 किमी की चकर्ड प्लेट होगी Prayagraj News

ओल्ड जीटी पांटून पुल तैयार हो गया है। सबसे बड़े पीपा पुल महावीर और त्रिवेणी भी जल्द ही तैयार हो जाएंगे। विद्युत विभाग के छह उपकेंद्रों के काम शुरू हैं।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Publish:Mon, 25 Nov 2019 09:06 AM (IST) Updated:Mon, 25 Nov 2019 03:29 PM (IST)
Magh Mela-2020 : ओल्ड जीटी पांटून पुल तैयार, आवागमन शुरू, 70 किमी की चकर्ड प्लेट होगी Prayagraj News
Magh Mela-2020 : ओल्ड जीटी पांटून पुल तैयार, आवागमन शुरू, 70 किमी की चकर्ड प्लेट होगी Prayagraj News

प्रयागराज, जेएनएन। माघ मेला-2020 की तैयारियों ने जोर पकड़ लिया है। ओल्ड जीटी पांटून पुल पर आवागमन शुरू कर दिया गया। अन्य पीपा पुलों को बनाने का काम भी तेज कर दिया गया है। गंगोली शिवाला पीपा पुल लगभग बन चुका है, जल्द ही उस पर भी आवागमन शुरू कर दिया जाएगा। इसी प्रकार विद्युत विभाग ने छह उपकेंद्रों पर काम शुरू करा दिया है। बाकी के 14 उपकेंद्रों पर भी जल्द ही काम शुरू हो जाएगा। सिंचाई विभाग बाढ़ खंड ने स्नान घाटों का काम शुरू करा दिया है। समतलीकरण का कार्य तेजी से कराया जा रहा है।

70 किमी चकर्ड प्लेट की सड़कों का निर्माण होगा, पांच पांटून पुल होंगे

पीडब्ल्यूडी की ओर से माघ मेला में गंगा पर पांच पांटून पुल बनाए जाने हैैं। इसके अलावा लगभग 70 किमी चकर्ड प्लेट की सड़कों का निर्माण कराया जाना है। मुख्य अभियंता हिमांशु मित्तल ने बताया कि काम में तेजी के निर्देश अफसरों को दिए गए हैैं। अधिशासी अभियंता सुनील कठेरिया ने बताया कि जिस तेजी से काम चल रहा है उसके मुताबिक सभी पांटून पुल समय पर तैयार हो जाएंगे। सहायक अभियंता सत्येंद्र नाथ ने बताया कि नागवासुकि मंदिर के पास ओल्ड जीटी पांटून पुल तैयार हो गया है। अगले हफ्ते गंगोली शिवाला का पांटून पुल भी शुरू हो जाएगा। सबसे बड़े त्रिवेणी और महावीर पांटून पुल का काम भी दिसंबर के दूसरे हफ्ते में पूरा हो जाएगा। बड़े पांटून पुलों में लगभग 120 से 130 पीपे लगाए जा रहे हैैं। दलदल के कारण मार्गों का कार्य अभी तेजी नहीं पकड़ सका है।

बिजली विभाग मेला क्षेत्र में 12 हजार एलईडी लगाएगा

उधर, विद्युत विभाग की ओर से माघमेला में 12 हजार एलईडी लगाई जानी है। लगभग डेढ़ हजार पोल लगा दिए गए हैैं। अधिशासी अभियंता आरके यादव ने बताया कि 20 अस्थायी उपकेंद्र मेले में बनाए जाएंगे, जिनमें छह पर काम शुरू हो गया है। मेले में 400 केवीए के 40 और 100 केवीए के 28 ट्रांसफॉर्मर लगाए जाएंगे। इसके अलावा 300 किमी एलटी लाइन व 40 किमी एचटी लाइन दौड़ाई जाएगी। मेला क्षेत्र के बड़े चौराहों और संगम पर 50 हाईमास्ट लगाए जाएंगे। एक्सईएन ने बताया कि झूंसी की ओर काली मार्ग के आसपास दलदल के कारण काम पिछड़ रहा है। वहां ट्रैक्टर भी फंस जा रहे हैैं। लगभग दो हजार बीघे में मेला बसाने का निर्णय हुआ है जहां जमीन को समतल करने के लिए 50 से ज्यादा ट्रैक्टर तथा जेसीबी लगाई गई हैैं।

समय पर काम पूरा कराना प्रयागराज मेला प्राधिकरण के सामने बड़ी चुनौती

गंगा और यमुना में ज्यादा समय तक बाढ़ के बरकरार होने से इस बार माघ मेले का काम देर से शुरू हो सका है। ऐसे में समय पर काम पूरा कराना प्रयागराज मेला प्राधिकरण के सामने बड़ी चुनौती है। तैयारियों को पूरा करने की अंतिम तिथि 20 दिसंबर निर्धारित कर दी गई है। इसीलिए अब कई विभाग पहले काम कर चुके अफसरों व कर्मियों की तैनाती कर रहे हैैं। पीडब्ल्यूडी ने 20 अधिकारी और 800 श्रमिकों को लगाया है। इसी तरह बिजली विभाग ने 10 इंजीनियरों और 250 श्रमिकों को लगा दिया है। इनमें ज्यादातर अफसर, कर्मचारी और श्रमिक पहले भी मेले में काम कर चुके हैं।

बोले मेलाधिकारी

मेलाधिकारी रजनीश कुमार मिश्र कहते हैं कि लगभग हर सेक्टर में काम तेजी पकड़ चुका है। जहां भी दलदल की स्थिति है, वहां बाद में काम कराया जाएगा। सभी विभागों के अफसरों को कड़े निर्देश दिए गए हैैं कि 20 दिसंबर के पहले काम पूरे हो जाने चाहिए।

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